देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। कलेक्ट्रेट परिसर में अपनी मांगों को लेकर बुलंद करते हुए संबंधित अधिकारी को ज्ञापन देखकर कराया अवगत वहीं जिला संयोजक मृगांक दुबे ने बताया कि "अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद" विश्व का सबसे बड़ा सक्रिय एवं राष्ट्रवादी छात्र संगठन है । जो वर्ष भर विद्यार्थीयों एवं शिक्षा हितों के साथ-साथ देश व समाज में चल रहे प्रत्येक समसामयिक विषयों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करती है इसी क्रम में जनपद सोनभद्र में प्राइवेट स्कूल द्वारा हर वर्ष तय मानक के विपरीत शुल्क वृद्धि व हर वर्ष एडमिशन के नाम पर प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है व विद्यालय प्रबंधन द्वारा तय पुस्तक विक्रेता से किताबे खरीदने का दबाव बना रहे है. अभिभावकों और छात्रों को भी मजबूरी में वहीं से किताबें खरीदनी पड़ रही है. एबीवीपी की मांग है कि अभिभावकों और छात्रों को स्वतंत्र रूप से किसी भी पुस्तक विक्रेता से पुस्तकें खरीदने की छूट दी जाए।
इसके अलावा यूनिफॉर्म के लिए भी छात्रों और उनके अभिभावकों को इसी तरह मजबूर किया जा रहा है. एबीवीपी का आरोप है कि निजी कमीशन खोरी के चक्कर में अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
पहले निजी स्कूलों में आरटीई यानी शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब बच्चों के पढ़ने की योजना थी, लेकिन अधिकतर स्कूलों ने इस प्रक्रिया को खत्म कर दिया है. ऐसे में गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है।
जिसमें अभिभावकों का ऐसा कहना है कि CBSE के कुछ विद्यालय हैं जो ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं ।प्रदेश सहमंत्री शशांक मिश्रा ने बताया कि इस प्रकार की कार्यप्रणाली से प्राइवेट स्कूल छात्रों,अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं और वह शिक्षा के व्यापरीकरण का कार्य कर रहे हैं जो कि देश हित व राष्ट्रहित में उचित नहीं है और इस प्रकार के रवैया का विद्यार्थी परिषद पुरजोर विरोध करता है।
इस दौरान प्रदेश सहमंत्री शशांक मिश्रा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनमोल सोनी, जिला संयोजक मृगांक दुबे, तहसील संयोजक राहुल जालान, सत्यम शुक्ला, वैभव पांडे, प्रिंस सिंह, धर्मेश पांडे,हर्ष चौबे आदि उपस्थित रहें।