देवल संवाददाता,मऊ। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक अखिलेश चंद्र ने बताया कि कृषि क्षेत्र में निर्यात को बढ़ाते हुए कृषकों, कृषक उत्पादक संगठनों एवं अन्य हित धारकों की आय को पर्याप्त रूप से बढ़ाना तथा कृषि अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 का मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत कार्य करने वाले एफपीओ,एफपीसी एवं निर्यातक को प्रोत्साहित करने हेतु अनुदान/प्रोत्साहन राशि दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा देना,प्रत्येक क्लस्टर को एफपीओ,एफपीसी के पंजीकरण हेतु प्रोत्साहित करना,क्लस्टर बनाते हुए क्लस्टर पद्धति के माध्यम से निर्यात को बढ़ाना आदि हैं। उन्होंने बताया कि क्लस्टर निर्माण,पंजीकरण और निर्यात हेतु निर्धारित क्षेत्रफलों के सापेक्ष 10 लाख से 40 लाख तक अनुदान अथवा प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। क्लस्टर के लिए न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि विकासखंड की सीमा के अंतर्गत होना चाहिए। इसी तरह नवीन प्रशंसकरण इकाई,पैक हाउस, शीतगृह राईपेनिंग चैंबर आदि के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था इस नीति के अंतर्गत है। निर्यात हेतु परिवहन अनुदान,कृषि निर्यात पर उपज कृषि मंडी शुल्क एवं विकास सेस से छूट,कृषि निर्यात में डिग्री,डिप्लोमा सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए प्रोत्साहन राशि तथा अच्छी कृषि पद्धति हेतु भी प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति 2019 के तहत की गई है। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने उत्पादकों को मिलने वाले लाभ पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एफपीओ के साथ बैठक कर निर्यात को बढ़ावा दें तथा किसानों को उनकी उपज का वास्तविक लाभ मिले इस पर भी विशेष ध्यान दें। उन्होंने ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक को इस संबंध में प्रचार प्रसार करने के साथ ही एफपीओ के साथ यथाशीघ्र बैठक करने तथा किसानों के हित में कार्य करने को कहा।बैठक के दौरान जिला उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता,जिला कृषि अधिकारी सोम प्रकाश तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।