देवल संवाददाता,मऊ। सभ्यता और संस्कार के बल पर पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए एक पेड़ माँ के नाम पर हर नागरिक लगाये तो जो आज अनावृष्टि कम बारीश होना,अधिक ठण्ड पड़ना, अधिक गर्मी पड़ना ही कुप्रभाव है। उक्त उद्गार रामअवतार मौर्या ने शारदा देवी आर्य बालिका इण्टर कालेज में सम्बोधित करते हुए युवा वर्ग को आग्रह किया नेहरू युवा केन्द्र मऊ के तत्वाधान में शारदा देवी आर्य बालिका इण्टर कालेज के सभागार में कार्यक्रम की शुरूआत हुई इस दौरान एक पेड़ माँ के नाम राजनाथ यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि एक पेड़ सौ पुत्रों के समान माना गया है। हमारे पौराणिक ग्रन्थों में विद्वत जनों के द्वारा लिखा गया और कहा गया है कि वृद्ध कबहू नही फल भखै, नदी न संचय नीर परमारथ के कारने साधन धरा शरीर। इसी क्रम में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती श्रृष्ठ मौर्या ने अपने उद्बोधन में कहा कि वृक्ष अपने जीवन में जितना लाभ परोक्ष रूप से देता है उतना लाभ प्रत्यक्ष रूप से नही देता। जीवन में जितना आक्सीजन का महत्व है उतना किसी वस्तु का नही, आगे कहा गया है कि वृक्षों से ही जीवन है। इनके बिना जीवन सम्भव नही है। इसी क्रम में अवधेश सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि अभी हमे पानी का बोतल लेकर ही चलना पड़ता है। यदि इसी तरह पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ होता रहा तो हमें आक्सीजन का वाटल लेकर भी चलना पड़ सकता है। इसी क्रम में विद्यालय के सहायक अध्यापक बृजेश कुमार मौर्या ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र की धरोहर वृक्षों की धरती को हरा भरा बनाने मे बहुत योगदान है। इस कार्यक्रम में सत्या,खुशी कन्नौजिया,निशा यादव,अनामिका श्रीवास्तव वर्तिका चौहान,अन्जली, मोनी खरवार,शशि सिंह,रिया गोड़, रीमा मौर्या,वन्दना खरवार,सलोनी यादव,कुमकुम विश्वकर्मा आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के अन्त में सामाजिक कार्यकर्ता नरेन्द्र तिवारी ने आये हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।