आमिर। ब्यूरो चीफ। देवल। जौनपुर।रामपुर, जौनपुर। ऐतिहासिक मेला समिति धनुवा की धार्मिक स्थल की जमीन को कुछ दबंगों द्वारा जालसाजी एवं कूटरचना करके अपना नाम खतौनी पर चढ़ाकर उसे बेचा जा रहा है।चकबंदी के दौरान मेला समिति, मंदिर एवं तालाब के नाम से जो जमीन छोड़ी गयी थी, उसे कुछ दबंग द्वारा अपना नाम अंकित करा दिया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार फर्जीवाड़ा और कुचक्र करके चकबन्दी विभाग को मिलाकर लगभग 3 एकड़ भूमि की खतौनी पर एक व्यक्ति द्वारा नाम चढवा लिया था। अब उनके वारिसगण ने पूरी जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया है। अध्यक्ष मेला समिति ने 23 सितम्बर 2022 को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया कि उपरोक्त द्वारा मंदिर, तालाब एवं मेला समिति की जमीन पर कुछ लोगों द्वारा अपना नाम चढ़ाकर अपना वर्चस्व साबित किया जा रहा है। यथाशीघ्र उसकी जांच कराकर जमीन को पुनः ग्रामसभा, मंदिर, तालाब कर दिया जाय। तत्कालीन जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी मड़ियाहूं को आदेशित किया था कि उक्त जमीन की जांच कराकर जमीन का निस्तारण किया जाय। राजस्व निरीक्षक ने जांच में पाया गया कि आरोपियों द्वारा कूटरचना एवं शासकीय राजस्व अभिलेखों के प्रकृति को परिवर्तित किया गया है। उपरोक्त राजस्व प्रपत्रों संशोधन संस्तुति 15 अक्टूबर 2022 को किया गया और पत्रावली कार्यवाही हेतु तहसीलदार मड़ियाहूं द्वारा कई महीनों बाद उसे पुनः जांच हेतु नायब तहसीलदार रामपुर को भेज दिया गया। मेला समिति अध्यक्ष रामजी बरनवाल ने बताया कि उपरोक्त विपक्षियों द्वारा नायब तहसीलदार रामपुर से दूरभि संधि अथवा अपने प्रभाव द्वारा जांच रिपोर्ट को लगभग डेढ़ वर्षों से रोक रखा गया है। इसी बीच उपरोक्त आरोपियों द्वारा उपरोक्त जमीन 4 लोगों को बेच दिया गया। जब उपरोक्त मेला, तालाब, मंदिर जमीन का मामला नायब तहसीलदार रामपुर एवं उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार मड़ियाहूं के कोर्ट में विचाराधीन है। इस प्रकार तहसील मडियाहूं अंतर्गत भू—माफिया का बर्चस्व इतना अधिक हो चुका है कि धार्मिक स्थलों की जमीन को जालसाजी करके बेचा जा रहा है। शासन—प्रशासन द्वारा उस पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो रही है। मेला समिति संबंधित अधिकारियों के चौखट का चक्कर काट रही है परंतु कहीं से राहत नहीं मिल रही है। इस प्रकरण को देखते हुये समाज में प्रदेश और केंद्र सरकार पर भी सवाल खड़े होते दिख रहे हैं। लोग यही कह रहे हैं कि क्या अब प्रदेश में मठ मंदिर मेला आदि की जमीनें सुरक्षित नहीं? क्या सरकार के आदेशों को धता बताकर कब्जा कराये जा रहे धार्मिक स्थलों की जमीनें? 2022 से चल रहे विवाद को अब तक क्यों नहीं निस्तारित करा पा रही राजस्व विभाग टीम और मड़ियाहूं के अधिकारी? धार्मिक स्थलों की जमीनों पर कब्जा कर बेचने वालों पर हो सकेगी कार्यवाही? क्या इस प्रकरण पर सरकार और उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा आरोपियों पर कार्यवाही होगी?