देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। सकल हिंदू समाज द्वारा आयोजित हिंदू सम्मेलन चुर्क को संबोधित करते हुए पंडित आलोक कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि भारत सनातन की धर्म नगरी है, इसने पूरे विश्व को दिशा और दशा देने का कार्य किया है। यह संभव हो पाया है तो भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कृष्ण, डा हेडगेवार व ऋषि
मुनियों के तप के कारण। उन सबके तप से प्राप्त हुए भारत को गाय, गंगा, गीता। इसलिए जिन्हें गाय, गंगा, गीता की रक्षा करने वाला जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने सौ वर्षों की यात्रा में भारत का मूल प्राण बन चुका हैं। उससे जिनको परहेज है उन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं है। विशेष अतिथि कमलेश खाम्बे वीर बाल दिवस हमें याद दिलाता है कि साहस उम्र का मोहताज नहीं होता। 26 दिसंबर 1705 को गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों, साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह ने धर्म, आस्था और सत्य के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। 6 और 9 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने अत्याचार के आगे झुकने से इनकार कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शंकर यादव ने कहा कि वीर बाल दिवस सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों अजीत सिंह, जूझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह, की निर्भिकता और बलिदान को याद करने के लिए वीर बाल दिवस मनाया जाता है। इतिहास के पन्नों में दर्ज यह कथा सिर्फ शहादत की नहीं, बल्कि अदम्य हौसले और सत्य पर अडिग रहने की मिसाल है। मुगल शासन के दौर में जब धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया, तब नन्हे साहिबजादों ने किसी भी प्रलोभन या भय के आगे झुकने से इनकार कर दिया था। सरहिंद के नवाब वजीर खान के आदेश पर उन्हें दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया, लेकिन उनका विश्वास डिगा नहीं। कार्यक्रम का सफल संचालन खंड संयोजक सत्येंद्र पाठक ने किया। कार्यक्रम में आशीष केसरी, दिलीप चौबे, ओम प्रकाश यादव, आलोक सिंह, अजय पांडे, अमित पाठक, बबलू चौहान, अंशू खत्री, अवध द्विवेदी, स्वामी धयानानन्दजी, दिनेश सिंह, अरुण सिंह, इंद्रावती चौबे, जीतेन्द्र मिश्रा आदि लोग उपस्थित रहे।
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