देवल संवाददाता, आजमगढ़। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जय किसान आंदोलन ने पूर्वांचल में संचालित नहरों और माइनरों की बदहाली को लेकर बड़ा कदम उठाया है। 15 दिसंबर से 18 तक तक बलिया, मऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, अंबेडकरनगर, जौनपुर सहित कई जिलों में स्थलीय जांच के बाद शुक्रवार को जय किसान आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष राजनेत यादव के नेतृत्व में आयुक्त, आजमगढ़ मंडल के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम जांच रिपोर्ट व मांगपत्र सौंपा गया।
राजनेत यादव ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में नहरों का व्यापक जाल है और अधिकांश किसान नहरी सिंचाई पर निर्भर हैं, लेकिन नहर विभाग की घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण पिछले पांच वर्षों से अधिकांश नहरों और माइनरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। शारदा सहायक खंड 32 आजमगढ़ सहित कई राजवाहों में सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है। नहर की निर्धारित चौड़ाई 12 से 15 मीटर होनी चाहिए, लेकिन अधिकांश हिस्सों में यह घटकर मात्र 5 मीटर रह गई है।
उन्होंने बताया कि नहरों की तली समतल नहीं की गई, मिट्टी बाहर नहीं निकाली गई और सर्विस लेन की हालत इतनी खराब है कि मोटरसाइकिल से भी चलना मुश्किल है। बहाव न होने के कारण पानी आगे नहीं बढ़ पाता और जगह-जगह नहर कट जाती है। यही स्थिति अंबेडकरनगर, मऊ, बलिया और घाघरा नदी से निकली कैनाल व माइनरों की भी है, जहां केवल हेड पर सफाई कर औपचारिकता निभाई गई है।
जय किसान आंदोलन ने मांग की है कि नहरों की तली और चौड़ाई मानक के अनुसार ठीक की जाए, सर्विस लेन को दुरुस्त किया जाए, हेड से टेल तक हर हाल में पानी पहुंचाया जाए और नहर संचालन की समय-सारिणी घोषित की जाए। साथ ही सिल्ट सफाई और संचालन में धांधली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
राजनेत यादव ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो जय किसान आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से सड़क पर उतरने को मजबूर होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपते समय चंद्रधारी यादव, दिनेश चंद्र यादव, आशीष पटेल, श्याम देव यादव, कविता, हमीदुन निशा, अवधराज यादव, शैलेश यादव, अतुल कुमार, भीम जी सहित कई किसान नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।