देवल संवाददाता, आजमगढ़। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की संसदीय अध्ययन समिति के सभापतित्व में कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। सभापति ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए प्रस्तावों का तत्काल निस्तारण किया जाए और उनके संबंध में सदस्यों को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया जाए।
बैठक में बताया गया कि कुल 42 विभागों में से 29 विभागों को प्रस्ताव भेजे गए, जिनमें से अधिकांश का निस्तारण कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 2022-23 से अब तक 32 प्रस्ताव प्रेषित हुए, जिन्हें निस्तारित कर सूचना दी गई। आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक और वन विभाग ने बताया कि कोई प्रस्ताव नहीं मिला। उपसंचालक चकबंदी ने 8 प्रस्तावों के निस्तारण की जानकारी दी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 8 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, पशु चिकित्सा विभाग में 1 प्रस्ताव निस्तारित किया गया। ग्राम्य विकास विभाग ने 49 प्रस्तावों के निस्तारण की जानकारी दी और इंटरलॉकिंग, आरसीसी, चकरोड व नाली मरम्मत कार्य योजना में शामिल किया। ग्राम्य विकास अभिकरण के 87 प्रस्ताव निस्तारित कर जनप्रतिनिधियों को सूचित किया गया। पंचायती राज विभाग के 53 प्रस्तावों का निस्तारण कर दिया गया।
सभापति ने सभी ग्राम पंचायतों में बारात घर निर्माण कराने का निर्देश दिया। लोक निर्माण विभाग ने बताया कि 1817 प्रस्तावित मार्गों में 1020 को स्वीकृति मिली है, शेष 797 मार्ग 2025-26 की कार्य योजना में शामिल हैं। शारदा सहायक खंडों ने नहरों और रजवाहों की सफाई संबंधी प्रस्तावों पर कार्रवाई की।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने 4 प्रस्तावों की कार्यवाही की सूचना दी, जबकि बेसिक शिक्षा विभाग से कोई प्रस्ताव नहीं आया। पर्यटन विभाग ने 13 प्रस्तावों के निस्तारण की जानकारी दी। परिवहन विभाग को पुरानी बसों का संचालन रोकने और स्कूल वाहनों की फिटनेस जांच के निर्देश दिए गए। नगर विकास विभाग को 15 दिन में पूरी आख्या प्रस्तुत करने को कहा गया।
गृह विभाग में 48 प्रस्तावों का निस्तारण किया गया और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई। जिलाधिकारी ने बैठक में निर्देशों के अनुपालन की आश्वासन दिया। बैठक में मऊ के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, डीएफओ, और आजमगढ़-मऊ के समस्त जनपदीय अधिकारी उपस्थित रहे।
