कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।अकबरपुर से लेकर जलालपुर, बसखारी, मालीपुर और रामगढ़ रोड तक चारों दिशाओं में सड़कें इन दिनों “मैरिज हॉल पार्किंग जोन” में तब्दील हो चुकी हैं। करीब 20 से अधिक मैरिज हॉल, मैरिज लॉन और धर्मशालाएं बिना पार्किंग व्यवस्था के संचालित हैं। शादी के सीजन में रोज़ाना यहां विवाह समारोह होते हैं, और हर शाम शहर की सड़कों पर लंबे जाम आम बात हो चुकी है।
वाहन सड़क किनारे खड़े होने से आम राहगीर, स्कूली वाहन, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड तक जाम में फंस जाते हैं। स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि कई बार घंटों तक ट्रैफिक ठप रहता है।
पार्किंग नहीं, जाम पक्का!
मैरिज हॉल संचालक लाखों-करोड़ों की इमारतें तो बना लेते हैं, लेकिन वाहन खड़े करने की कोई व्यवस्था नहीं करते। इन हॉलों के बाहर अवैध पार्किंग के कारण हर विवाह समारोह शहर के लिए यातायात संकट बनकर आता है। बाइक चोरी की घटनाएं, ट्रैफिक अव्यवस्था और एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड के फंसने जैसी गंभीर समस्याएं आम हो चुकी हैं।
क्या सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी है
क्या कोई आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था कि हर मैरिज हॉल में पार्किंग की व्यवस्था अनिवार्य होगी। लेकिन अम्बेडकरनगर में नगरपालिका, नगर पंचायत, ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन सभी ने इस आदेश पर आंख मूंद ली है। सालभर में एक भी कार्रवाई नहीं हुई — न कोई जांच, न कोई नोटिस, न ही लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही।
जिम्मेदारी किसकी?
अब सवाल यह है कि आखिर इस पूरे प्रकरण का जिम्मेदार कौन है —
मनोरंजन विभाग, जो अनुमति देता है?उपजिलाधिकारी, जो निगरानी के लिए जिम्मेदार हैं?
या ट्रैफिक पुलिस, जिसकी ड्यूटी शहर में सुचारू आवागमन बनाए रखना है?
_क्यों नहीं की जा रही कार्रवाई? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है?_
जनता की मांग — अब कार्रवाई हो
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि:
बिना पार्किंग वाले सभी मैरिज हॉल, लॉन और धर्मशालाओं के लाइसेंस तत्काल निरस्त किए जाएं। शादी के सीजन में ट्रैफिक पुलिस विशेष निगरानी अभियान चलाए। मनोरंजन विभाग और एसडीएम कार्यालय संयुक्त जांच टीम गठित करे, ताकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित हो।
यह सवाल अब जनता का है:
क्या अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे या शहर यूं ही जाम की बेड़ियों में फंसा रहेगा?
शहर जवाब चाहता है — और कार्रवाई अब अनिवार्य है।
