कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के वार्षिक प्लान 2025-26 के तहत जिला कारागार अम्बेडकरनगर में बंदियों के लिए “स्वच्छता, मानवाधिकार एवं कानूनी अधिकार” विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इसी क्रम में शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति ने जेल का औचक निरीक्षण भी किया।निरीक्षण दल में अपर जिला जज एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजिता सिंह चौहान तथा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) राजन राठी शामिल रहे। दल ने पुरुष एवं महिला बैरकों का बारीकी से निरीक्षण किया और बंदियों से उनकी समस्याएं, भोजन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सुविधा तथा मुकदमों की स्थिति पर सीधा संवाद किया।शिविर को संबोधित करते हुए अपर जिला जज भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता ने कहा कि जेल में रहने के बावजूद हर बंदी के मौलिक मानवाधिकार सुरक्षित हैं। उन्हें उचित भोजन, साफ पानी, चिकित्सा, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल और अमानवीय व्यवहार से सुरक्षा का पूरा हक है। उन्होंने स्वच्छता को शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास का आधार बताया।जेलर आलोक सिंह को निरीक्षण दल ने मौके पर ये निर्देश दिए: जेल परिसर और सभी बैरकों की स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
बीमार बंदियों को तुरंत इलाज मुहैया कराया जाए।
जिन विचाराधीन बंदियों को मुफ्त वकील या विधिक सहायता चाहिए, उनके आवेदन तत्काल डीएलएसए को भेजे जाएं।
बीएनएसएस की धारा 479 के तहत पात्र बंदी और वे बंदी जिनकी जमानत हो चुकी है लेकिन जमानतदार नहीं मिलने से रिहा नहीं हो पा रहे, उनकी पूरी सूची तुरंत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजी जाए ताकि उनकी रिहाई की कार्यवाही की जा सके।
शिविर में डिप्टी जेलर सूर्यभान सरोज, शीतल जैसवाल, जेल चिकित्सक डॉ. अमित कुमार यादव, पैरा लीगल वॉलंटियर्स और सैकड़ों बंदी उपस्थित रहे।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि कोई भी बंदी या उसका परिजन निःशुल्क कानूनी सहायता के लिए कभी भी प्राधिकरण कार्यालय में संपर्क कर सकता है।
