देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। मंगलवार को भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ओबरा के बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में गत शनिवार को हुए खनन हादसा को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष मृतकों के प्रति दो मिनट का मौन धारण कर शोक सभा किया। बाद कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
पार्टी नेताओं ने कहा कि गत 15 नवंबर को बिल्ली-मारकुंडी के एक खदान में खनन कार्य के दौरान हुए हादसे में करीब डेढ़ दर्जन मजदूरों को पत्थर के मलवे में दब गए। घटना के दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री जनपद में ही मौजूद रहे। उनकी उपस्थिति के बावजूद राजनेताओं व शासन-प्रशासन की मिलीभगत से अवैध तरीके से खनन का काम धडल्ले से चलाया जा रहा था। दिन में लगभग तीन बजे माइंस की बड़ी चट्टान नीचे गिरने से अंदर काम पर लगे सभी मजदूर दब गए। एक तरफ मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जनजाति गौरव दिवसम नाया जा रहा था, वहीं दूसरी तरफ जनजाति मजदूर माइन्स के अंदर मौत की अंतिम सांस ले रहे थे, अगर प्रशासन द्वारा समय पर उनको बाहर निकालने की त्वरित व्यवस्था की जाती तो उन मजदूरों की जान बचाई जा सकती थी। घटना स्थल पर राजनैतिक पार्टियों के नेताओं, सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं को जाने से रोका जा रहा है। घटना को दबाने की पूरजोर प्रयास किया जा रहा है। राजनैतिक पार्टियों के नेताओं, सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ताओं को घटना
स्थल पर जाने से रोका जाना, यह साबित करता है कि प्रशासन घटना की लीपापोती करने में जूटी है। कहा कि जिले में सैकड़ों खदानें बिना सुरक्षा मानकों के संचालित हो रही हैं। खनन सिंडिकेट का दबदबा काफी मजबूत होता जा रहा है. अवैध खनन खुलेआम जारी है। मांग की कि माइस के अंदर फंसे मजदूरों को तत्काल बाहर निकाला जाए। मृतक मजदूरों के आश्रितों को 50-50 लाख रुपए मुआवजा व पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। घटना की न्यायिक जांच कराया जाए और इसके लिए जिम्मेदार दोषियो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पूरे जिले में अवैध तरीके से किए जा रहे खनन पर प्रतिबन्ध लगा कर माइंसों को सील किया जाए। इस मौके पर आरके शर्मा, देव कुमार विश्वकर्मा, बसावन गुप्ता, अमरनाथ सूर्य, बुद्धि सेन मिश्रा, राम दुलारे, नंदू यादव, बाबू लाल चेरो, नागेंद्र कुमार, विरेन्द्र कुमार गोंड़, तारकेश्वर गुप्ता, जगरनाथ बैगा, रामजनम कुशवाहा, धनूक पनीका आदि मौजूद रहे।
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