देवल, ब्यूरो चीफ,शक्तिनगर, सोनभद्र। एनटीपीसी से राखड़ का निस्तारण सड़क मार्ग से मानकों के खिलाफ किया जा रहा हैं। सड़क पर जगह जगह राखड़ गिरने से उत्पन्न प्रदूषण से जनता एवं राहगीर बेहाल हो गए है। दमा एवं सांस जैसी गंभीर बीमारी
का असर बढ़ता जा रहा है। अधिकारियों का प्रभाव पूरी तरह निष्क्रिय होते जा रहा है। समय रहते अगर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह नासुर बन जाएंगा।
बतादें कि एनटीपीसी राखड़ का बढ़ते प्रदूषण से क्षेत्रीय लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। प्रदूषण से तरह-तरह की बीमारियां फैल रही है। वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग से राखड़ परिवहन की अनुमति केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गई है, जो सरकार के अधीन है। आएदिन मालवाहकों से मानक का धज्जियां उड़ाई जा रही है, और नियम को ताक पर रखकर कोयले एवं राख का परिवहन किया जा रहा है। परिवहन के दौरान सड़क पर जगह जगह कोयला एवं राख गिर जाते है और इन परियोजनाओं के पास सड़क पर गिरे हुए राख एवं कोयले के निष्पादन का कोई उचित प्रबंधन नहीं किया जाता है, जिसके कारण जब दूसरी गाड़ी उस पर होकर गुजरती है, तो राख एवं कोयले के मिश्रित कण सड़क के चारों ओर प्रदुषण का गुब्बारा बनकर राहगीरों एवं आसपास के आबादियों पर लगातार पड़ रहा है, जिससे अनेको विमारियां उत्पन्न होने की संभावना बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि आएदिन लगातार इस तरह से मानक के खिलाफ परिवहन पर प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, पीडब्लूडी, एआरटीओ कार्यालय सहित साशन का प्रभाव निष्क्रिय हो गया है। लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए न्याय दिलाने की मांग किया है।
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