सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन । सादर सुनहि ते तरहि भव सिंधू बिना जनजान ।
उक्त चौपाई की व्याख्या करते हुए कथा ब्यास ने कहा कि इस कलिकाल में भगवान की कथा सुनने मात्र से ही मानव जीवात्मा का कल्याण हो जाता है । इतना राम नाम के महिमा का प्रभाव है जो फल सतयुग में ध्यान करने से त्रेता युग में यज्ञ करने से द्वापर में पूजा अर्चना करने से जो फल प्राप्त होता था वो इस कलयुग में राम नाम का जप करने से एवं भगवान की कथा सुनने मात्र से प्राप्त हो जाता है ऐसी राम कथा की पावन महिमा है जो चारो युगों में व्याप्त है। इस अवसर पर बृंदावन से आए कलाकारों द्वारा रासलीला का दृश्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया।
इस अवसर पर रामाशंकर तिवारी , अभय सिंह ,सीताराम, पूर्व प्रधान सुमन सिंह ,पूर्व प्रधान हरिस्यम वर्मा आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
