जिम्मेदार अधिकारी जांच के घेरे में, प्रशासनिक चुप्पी पर उठे सवाल
कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।अम्बेडकरनगर।जनपद मुख्यालय अकबरपुर स्थित राजकीय हवाई पट्टी के निकट तेजी से हो रहे भवन निर्माण को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। उड्डयन विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से न तो इन निर्माण कार्यों के लिए कोई एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) जारी किया गया है और न ही उनके पास इन निर्माणों से जुड़ी कोई आधिकारिक सूचना मौजूद है। ऐसे में यह बड़ा सवाल उठता है कि बिना विभागीय अनुमति के ये निर्माण किसके आदेश पर हो रहे हैं?
सूत्रों की मानें तो नगर पालिका परिषद अकबरपुर के अधिशासी अधिकारी द्वारा मनमाने तरीके से एनओसी जारी की जा रही है, और इसके बदले में भारी भरकम अवैध वसूली की भी चर्चाएं जोरों पर हैं। इस पूरे मामले में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता को भी नकारा नहीं जा रहा है।
*नियमों की अनदेखी!*
हवाई पट्टी के 500 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने से पहले उड्डयन विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना अनुमति निर्माण कार्य न केवल अवैध है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और हवाई यातायात के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है।
*उड्डयन विभाग की प्रतिक्रिया*
उड्डयन विभाग के प्रभारी अधिकारी सुशील प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया है कि राजकीय हवाई पट्टी की परिसीमा में किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती। बावजूद इसके निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी हैं। विभाग द्वारा स्पष्ट सूचना देने के बाद भी स्थानीय प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।
*गंभीर आरोप, फिर भी चुप्पी क्यों?*
खबर है कि उड्डयन विभाग की संपत्ति को बेचे जाने की सूचना भी सामने आई है, जो प्रशासनिक तंत्र की मिलीभगत की ओर इशारा करती है। यह चर्चा जोरों पर है कि यह कार्य किसी दबंग व्यक्ति द्वारा जिला प्रशासन के संरक्षण में किया जा रहा है। सवाल यह भी उठता है कि जब यह खबर मीडिया में प्रकाशित हो चुकी है, तो अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या सबूतों के बावजूद प्रशासन अपने करीबी लोगों को बचा रहा है? यह अब जनचर्चा और जनाक्रोश का विषय बन गया है।
*जनप्रतिनिधियों और संगठनों की प्रतिक्रिया*
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस पूरे प्रकरण पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने चेताया है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदर्शन और जनांदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।
*अब सबसे बड़ा सवाल:*
▫️क्या नगर पालिका परिषद ने उड्डयन विभाग से अनुमति लिए बिना ही एनओसी जारी की?
▫️क्या एनओसी जारी करने के एवज में रिश्वतखोरी की जा रही है?
▫️क्या इस अवैध कार्य में जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं?
*राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल पर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो रही है?*
(यह मामला शासन के लिए गंभीर चेतावनी है – यदि तत्काल जांच व कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला प्रशासनिक भ्रष्टाचार और सुरक्षा चूक का प्रतीक बन सकता है।)