देवल संवादाता,वाराणसी । शांति पाठ मुख शशि उनहारी, शील गुण संयमधारी..., लखन 108 बिराजे, निर्गत नयन कमल दल लाजे...के बोल काशी की गलियों और सड़कों को गुंजायमान कर रहे थे। जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ के जन्म और तप कल्याणक उत्सव की धूम रही।जैन मंदिर में 108 स्वर्ण व रजत कलश से भगवान का पंचाभिषेक हुआ और मंत्र गुंजायमान होते रहे।
ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी पर जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर 1008 भगवान सुपार्श्वनाथ का जन्म और तप कल्याण दिवस उनकी जन्मस्थली श्री भदैनी जी दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र प्रभुदास जैन घाट पर मनाया गया। सुबह सात बजे से जन्मोत्सव कार्यक्रम की शुरुआज हुई। भगवान पार्श्वनाथ की जन्मस्थली भेलूपुर जैन मंदिर से चांदी की पालकी पर चांदी के गजरथ पर सवार भगवान सुपार्श्वनाथ की शोभायात्रा निकली। शोभायात्रा सुपार्श्व दिगंबर जैन मंदिर भदैनी पहुंची। रास्ते भर श्रद्धालु फूल बरसाते हुए चल रहे थे।
भगवान सुपार्श्वनाथ की जन्म भूमि स्थित गंगा किनारे प्रभु दास जैन घाट पर विराजमान भगवान पारसनाथ के चरणों का भी पूजन अभिषेक हुआ। शाम सात बजे आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। 48 दीपों से दीर्पाचना करके भक्तांबर विधान पूर्ण किए गए। पूजा का संचालन अरुण कुमार जैन, प्रदीप कुमार जैन ने किया। संचालन श्री दिगंबर जैन समाज काशी के उपाध्यक्ष राकेश जैन और संजय जैन ने किया।
प्रधानमंत्री प्रदीप चंद जैन और समाज मंत्री विनोद कुमार जैन ने किया। सुरेंद्र कुमार जैन और जैन समाज के प्रो. फूलचंद प्रेमी, प्रो. अशोक कुमार जैन, विजय कुमार जैन, प्रशांत जैन, अरुण कुमार जैन, विनोद जैन माैजूद रहे।
शिक्षा शास्त्र के छात्र अखिलेश को प्रथम, यश को द्वितीय पुरस्कार
वाराणसी। पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरकार ने आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने को प्राथमिकता दी। उक्त विचार शिक्षा शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. विशाखा शुक्ला ने व्यक्त किए।
वह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी समारोह में भारत की पड़ोस नीति में उनके योगदान पर चर्चा कर रही थीं। चर्चा परिचर्चा के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो छात्रों को अध्यक्ष शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा पुरस्कृत भी किया गया। चर्चा में लाहौर घोषणा और आगरा शिखर सम्मेलन सहित भारत-पाकिस्तान संबंधों को बेहतर बनाने के लिए उनके प्रयासों पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. मनु, डॉ. प्रिया यादव मौजूद रहे।