देवल संवाददाता, गोरखपुर ।प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग पूरा होने वाला है। इसका लोकार्पण 30 जून को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों संभावित है। यह गोरखपुर का चौथा विश्वविद्यालय होगा। यहां का यह पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जिसकी नींव भी राष्ट्रपति ने रखी और अब लोकार्पण भी राष्ट्रपति के हाथों होगा।
विश्वविद्यालय गोरखपुर जिले के भटहट क्षेत्र के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। इसकी स्वीकृत लागत 267.50 करोड़ रुपये है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। इसका शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था।
मुख्यमंत्री के बुलावे पर आगामी 30 जून को लोकार्पण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों संभावित है। सोमवार को डीएम कृष्णा करुणेश के साथ महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने के बाद कमिश्नर अनिल ढींगरा ने बताया कि वर्तमान समय में आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 95 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है।
उन्होंने बताया कि फैसिलिटी सेंटर, कुलपति आवास, अलग-अलग प्रकार के स्टाफ आवास पूर्ण रूप से तैयार हैं। एकेडमिक और हॉस्पिटल ब्लॉक में सिर्फ फिनिशिंग और बालक-बालिका छात्रावास में फाइनल कोट पेंटिंग से जुड़े कार्य शेष हैं। अधिकतम अगले 10 दिन में पूरा करने की हिदायत कार्यदायी संस्था को दी गई है।
आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के बाद प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कॉलेजों का नियमन अब इसी विश्वविद्यालय से ही होता है। वर्तमान सत्र में प्रदेश के करीब सौ आयुष शिक्षण (आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी) के कॉलेज/संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगले गोरखपुर दौरे पर विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर सकते हैं।
ओपीडी में अबतक एक लाख से अधिक मरीज ले चुके हैं परामर्श लाभ
आयुष विश्वविद्यालय की आयुष ओपीडी का शुभारंभ 15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी ने किया था। तब से प्रतिदिन यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी की ओपीडी में औसतन 300 मरीज परामर्श लेते हैं। ओपीडी शुभारंभ के बाद अब तक करीब एक लाख से अधिक लोग आयुष चिकित्सकों से परामर्श लाभ ले चुके हैं।
जल्द ही यहां आयुष अस्पताल शुरू होने से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ योग, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति आदि से उपचार की बेहतरीन सुविधा भी उपलब्ध होने लगेगी।
हेल्थ टूरिज्म और औषधीय खेती को मिलेगा बढ़ावा
आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने से आयुष हेल्थ टूरिज्म में रोजगार की संभावनाएं भी सृजित होंगी। इस पर गंभीरता से काम किया गया तो आयुष विश्वविद्यालय के आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार के किसी न किसी स्वरूप से जोड़ा जा सकता है।
आयुष विश्वविद्यालय के पूरी तरह क्रियाशील होने से किसानों की खुशहाली और नौजवानों के लिए नौकरी-रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त होगा। लोग आसपास उगने वाली जड़ी बूटियों का संग्रह कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। किसानों को औषधीय खेती से ज्यादा फायदा मिलेगा। आयुष विश्वविद्यालय व्यापक पैमाने पर रोजगार और सकारात्मक परिवर्तन का कारक बन सकता है।
एमजीयूजी में ऑडिटोरियम का उद्घाटन भी संभावित
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) में नवनिर्मित ऑडिटोरियम का लोकार्पण और स्टेडियम का शिलान्यास भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कर सकती हैं। वहीं एम्स में यूजी (एमबीबीएस) के पहले बैच के दीक्षांत समारोह में भी शामिल हो सकती हैं।