बूढ़नपुर, आजमगढ़। बूढ़नपुर तहसील परिसर में हाल ही में कई छायादार हरे पेड़ों की कटाई ने स्थानीय नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है। इनमें एक विशाल पीपल का पेड़ भी शामिल है, जो न केवल छाया का प्रमुख स्रोत था, बल्कि धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
भीषण गर्मी के इस दौर में जब प्रशासन खुद लोगों से अपील कर रहा है कि वे धूप और लू से बचने के लिए अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें, वहीं पेड़ों की इस तरह की कटाई ने सरकारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना का संकेत दिया है।स्थानीय नागरिकों ने इस पर नाराजगी जताते हुए सवाल उठाया है कि जब पर्यावरण संरक्षण को लेकर शासन सख्त कदम उठा रहा है, तो ऐसे पेड़ों की कटाई की अनुमति किसने दी? परिसर में आने वाले सैकड़ों लोगों के लिए ये पेड़ राहत का जरिया थे।इस विषय में तहसील प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले की जांच की मांग की है और कहा है कि पेड़ों की कटाई की भरपाई के लिए पुनः वृक्षारोपण किया जाए।बूढ़नपुर की जनता अब इस उम्मीद में है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा।