देवल संवाददाता, लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में कहा कि हर एक सेक्टर में उत्तर प्रदेश ने आज नई छलांग लगाई है। इंफ्रास्ट्रक्चर में उत्तर प्रदेश के बारे में तो हर कोई जानता था। सड़क में गड्ढा है या फिर गड्ढे में सड़क है, इसका पता नहीं लगता था। एक्सप्रेसवे इसलिए पिछली सरकारों के लिए बेईमानी और भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था।
340 किमी लंबे एक्सप्रेसवे का शिलान्यास कर रहे हैं, लेकिन लैंड नहीं
सीएम योगी ने कहा, 'आप समझ सकते हैं इंफ्रास्ट्रक्चर में किस तरह बेईमानी हावी थी। मुझे याद है जब हम लोग आए तो हमें बताया गया कि पू्र्वांचल एक्सप्रेसवे बन रहा है। मार्च में हमने शपथ ली और मई में मैं इसकी समीक्षा कर रहा था। मैं तो प्रोग्रेस के लिए देख रहा था कि कितनी प्रोग्रेस हुई है तो मुझे बताया गया साहब अभी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। मैंने कहा क्यों... मैंने सुना है सीएम ने तो इसका 2016 में ही शिलान्यास कर लिया। उन्होंने कहा कि शिलान्यास तो हुआ है, लेकिन लैंड ही नहीं है। अब अनुमान करिए कि आप 340 किमी लंबे एक्सप्रेसवे का शिलान्यास कर रहे हैं, लेकिन लैंड नहीं है। फिर मैंने उसकी पूरी डिटेल फिर से मांगी।'
15,200 करोड़ में टेंडर तय हुआ'
सीएम योगी ने कहा, 'मैंने कहा कि लैंड एक्वायर करो तो कहा कि सर अभी अलॉटमेंट भी नहीं तय है कि कहां पर बनाना है तो मैंने कहा शिलान्यास किसका हुआ। उन्होंने कहा बनता रहेगा पहले शिलान्यास कर लेते हैं। मैंने कहा कि इसमें ठेके भी आवंटित कर दिए गए हैं तो उन्होंने हां सर सब हो चुका है। अनुमान करिए कितना भद्दा मजाक होता था। मैंने कहा कितने में बांटे हैं, कहा ये पूरा प्रोजेक्ट है 15,200 करोड़ रुपये का। मैंने कहा इसको कैंसिल करके कहा अलॉटमेंट तय करो। अलॉटमेंट तय किया गया और उसके बाद फिर कार्यवाही शुरू हुई। एक साल का समय लगा था। हमने टेंडर करवाए और वही पार्टियां आ गईं। ठीक 15,200 करोड़ में टेंडर हुआ तो मुझे कुछ शक हुआ कि 2016 का टेंडर 2018 में भी उतने का कैसे हो रहा है। दो साल में कुछ दाम भी बढ़े होंगे। मैंने फिर उसे कैंसिल कर दिया।'
हमारी सरकार ने 11,800 करोड़ रुपये में बनाया वही एक्सप्रेसवे'
सीएम ने कहा, 'मैंने कहा कि एक काम करो अपने टेक्निल और फाइनेंशियल भी एक साथ मंगाओ और एक बार देखो इसमें कुछ तो खेल हुआ था। जब हमने एक साथ मंगवाया तो वही एक्सप्रेसवे हमारा बना है 11,800 करोड़ रुपये में। ये लूट थी... जो इंग्लैंड की यात्रा करते हैं और बाद में शराफत का चेहरा लेकर आपके बीच मीठी-मीठी बातें करने आते हैं। बाद में शराफत का चेहरा लेकर मीठी-मीठी बातें करते हैं। ये वही चेहरे हैं, जिन्होंने प्रदेश को लूटा है। इन्होंने ही उत्तर प्रदेश को जातिवाद के नाम पर बांटा है।'