देवल संवादाता,वाराणसी,महाशिवरात्रि (26 फरवरी) पर आराध्यदेवों के साथ सात अखाड़े पांच घाटों से पेशवाई (राजसी यात्रा) निकाल कर देवाधिदेव महादेव का चरण पखारने पहुंचेंगे। दो अखाड़े नाव तो बाकी पदयात्रा करते हुए जाएंगे। बग्घी, घोड़े पर सवार होकर अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर की अगुवाई में नागा साधु-संत राजसी अंदाज में जाएंगे। सबसे बड़े जूना अखाड़े के साथ पांच अखाड़े सुबह छह बजे, महानिर्वाणी व अटल अखाड़ा एक साथ दोपहर 12 बजे से पेशवाई निकालेंगे। पांच हजार से ज्यादा नागा साधु-संत दर्शन पूजन करेंगे।
पेशवाई में जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज, सुमेरुपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती भी शामिल होंगे। उधर, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में चार नंबर गेट से सुबह सात बजे से उनका प्रवेश शुरू हो जाएगा।
महाकुंभ के पलट प्रवाह को देखते हुए महाशिवरात्रि पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन सुगमता से कराया जाएगा। प्रशासन व अखाड़ों के बीच दर्शन के लिए समय तय हो गया है। श्री शंभू पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ चार और अखाड़े सुबह छह बजे से निकलेंगे।
जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गिरि महाराज ने बताया कि हनुमान घाट से जूना अखाड़े के साथ निरंजनी, आनंद, अग्नि, आवाहन अखाड़ा एक साथ विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर व आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशनंद महाराज व निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि महाराज की अगुवाई में पेशवाई निकाली जाएगी। इसमें 12 रथ, डमरू, बैंडबाजे आदि शामिल रहेगा।
पंचायती अखाड़ा निरंजनी के श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने बताया कि पांच अखाड़ों में निरंजनी और आनंद अखाड़े पीछे होंगे। 500 साधु-संत साथ चलेंगे। वहीं, शिवाला घाट से ही महानिर्वाणी व अटल अखाड़े की पेशवाई निकलेगी। महानिर्वाणी के थानापति विवेक भारती ने बताया कि गाजे-बाजे के साथ पेशवाई दोपहर 12 बजे से निकाली जाएगी।
विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण ने बताया कि नागा साधुओं व संतों को गेट नंबर चार से प्रवेश करवाया जाएगा। दर्शन के बाद वह इसी मार्ग से बाहर जाएंगे। दो से तीन घंटे तक दर्शन-पूजन कराए जाएंगे।
नाव से निकलेंगे दो अखाड़े
श्रीतपोनिधि पंचायती आनंद अखाड़ा सुबह पांच बजे जौ विनायक घाट (आदि केशवाघाट) और अग्नि अखाड़ा राजघाट से सुबह चार बजे नाव से निकलेंगे। आनंद अखाड़ा की पेशवाई दशाश्वमेध से गोदौलिया तक जाएगी। अग्नि अखाड़ा हनुमान घाट से पहुंच कर जूना, निरंजनी अखाड़े के साथ मिल जाएंगे। दशाश्वमेध घाट से आवाहन अखाड़ा निकल कर जूना अखाड़े के दल में गोदौलिया पर मिल जाएगा। दूसरी पेशवाई शिवाला से महानिर्वाणी व अटल अखाड़े के साथ निकलेगी।