देवल संवाददाता, लखनऊ।रायबरेली। महाकुंभ के लिए लखनऊ से भोर चार बजे कार से निकले लोगों की रायबरेली में हुए हादसे में मौत से परिजन स्तब्ध हैं। कोई किसी तरह की बात करने को तैयार नहीं है। चेहरे पर कभी न भुला पाने वाला गम दिखा। कहा जा रहा है कि कार की रफ्तार करीब 150 किमी प्रति घंटे थी। प्रयागराज जल्द पहुंचने की चाहत में भयावह हादसा हो गया।
मंगलवार सुबह घटनास्थल पर सुबह आठ बजे तक सन्नाटा पसरा रहा। दोनों वाहनों को क्रेन की मदद से दरियापुर में बनी अस्थायी चौकी पर खड़ा किया गया। हादसे की सूचना पर मौके पर आई पुलिस भी कार की क्षतिग्रस्त दशा को देखकर दंग रह गई। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रैक्टर ट्रॉली के दोनों पहियों के बीच लगी कमाई टूट गई थी। कार के अगले हस्से, गेट और मीटर, गेयर, आगे की सीट के परखचे उड़ गए थे। कार की छत तक गायब हो गई थी और पिछला हिस्सा भी क्षतिग्रस्त गया था।
पास में ही सड़क पर दुकान लगाए एक युवक ने बताया कि वह तो दुकान पर सो रहा था। तेज धमाका होने के साथ चीख पुकार मची तो हादसे की जानकारी हुई। पूरी कार ट्रैक्टर ट्रॉली की साइड में घुस गई थी और पीछे का हिस्सा लटक गया था। हादसे को लेकर कुछ लोगों का यह भी कहना था कि चालक को झपकी आने से हादसा हुआ।
200 मीटर दूरी पर हाईवे के डायवर्जन एंड पर तैनात सुरक्षा बल के जवानों और पुलिस का कहना था कि बहुत भीषण हादसा हुआ। रफ्तार के कारण यह हादसा हुआ। ट्रैक्टर की गति कम थी, लेकिन उसके गलत साइड होने से कार सवारों को हादसे का सामना करना पड़ा।
घटना के बाद जिला अस्पताल में हादसे के शिकार लोगों के परिजनों की भीड़ रही। पोस्टमार्टम हाऊस के बाहर खड़े परिजन अपनों की मौत से गमगीन दिखे। उन्होंने मीडिया कर्मियों से तक से बात नहीं की। सीओ सदर अमित सिंह का कहना है कि मामले में ट्रैक्टर-चालक को पकड़ा गया है, जिससे पूछताछ की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हाईवे पर कम नहीं हो रही वाहनों की रफ्तार
यातायात सप्ताह में लोगों को सुरक्षित सफर और यातायात के नियमों से जागरूक किया जा रहा है। इसके बाद भी हाईवे पर वाहनों की रफ्तार कम नहीं हो रही है। हाल यह है कि लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर चार पहिया वाहन 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से फर्राटा भर रहे हैं। वहीं मुंशीगंज, दरियापुर, कुचरिया हादसे के लिए संवेदनशील माने जा रहे हैं। इन जगहों पर ओवरब्रिज की साइड लेन के साथ डायवर्जन हैं। रात में रोशनी का इंतजाम नहीं है और अंधेरे में यहां पर तेज गति से वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है।
पलक झपकते हुआ हादसा, कोई कुछ समझ नहीं पाया
जिस दरियापुर चौराहा पर यह हादसा, वहां पर अक्सर चहल-पहल रहती है। यह हादसा पलक झपकते हुआ। वहां पर मौजूद लोग कैसे क्या हुआ, समझ ही नहीं पाए। शोरगुल की आवाज आई तो लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे। लोगों को बाहर निकालना शुरू किया। चूंकि घटनास्थल से थाना कुछ ही दूरी पर है। ऐसे में थाना प्रभारी दयानंद तिवारी भी मौके पर आ गए। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन चार लोगों की जिंदगी को नहीं बचाया जा सका।