देवल संवाददाता। दिनांक- 07/11/12 की सुबह जब एक लड़का अपनी छोटी बहन का जॉब वेरिफिकेशन के लिए दिए गए डॉक्यूमेंट का पता करने पुलिस अधीक्षक कार्यालय की नई बिल्डिंग में पहुंचा तो उसे पहले तो यहां जाइए वहां जाइए बोलकर पूरे बिल्डिंग के दो चक्कर लगवा दिए और फिर अंत में जब लड़का सही टेबल पर पहुंचा तो दीवान महोदय ने कहा "एक सवाल को एक ही बार पूछे दोबारा पूछना है तो यहां से बाहर चले जाइए" । यूं तो पुलिस का आम जनता के प्रति बर्ताव जग जाहिर है, पर हद तब हो जाती है जब कोई व्यक्ति अपने ही काम के लिए बार-बार एक ही ऑफिस के चक्कर लगाए । परेशान युवक ने बताया की उसकी छोटी बहन के जॉब वेरिफिकेशन के लिए कागज पिछले 1 महीने से इधर-उधर कभी इस ऑफिस तो कभी उस ऑफिस दौड़ रहा है। जिस ऑफिस में एक बार कागज पहुंच जा रहा है वहां से दूसरे ऑफिस में उसे आगे बढ़ाने के लिए भरपूर समय लग रहा है। हद तो तब हो गई जब DCRB के COJ नंबर पर कई दिन तक लगातार किसी ने फोन नहीं उठाया तो युवक परेशान होकर कार्यालय पहुंच गया। जहां पर पुलिसकर्मियों की बदसलूकी इस चरम पर है कि व्यक्ति ने सिर्फ एक बार से दोबारा यह पूछा कि मेरा कागज कहां तक पहुंचा है तो दीवान अभिषेक मिश्रा ने यह कह के दांट के भगा दिया कि "ऐसा है मैं बार-बार फाइल नहीं देखूंगा जाओ तुम कल परसों आना अब, मेरा दिमाग वैसे ही खराब है ज्यादा दिमाग मत खराब करो मेरा" और इस बात पर अगल-बगल बैठे पुलिसकर्मी ढहाका लगाकर हंस रहे थे । एक तरफ जहां पुलिस अधीक्षक महोदय इस बात का आश्वासन देते हैं की आजमगढ़ के पुलिस कर्मियों का बर्ताव जनता के प्रति संवेदनशील एवं आदरमय होगा, तो वही दूसरी तरफ उन्हीं के पुलिसकर्मी आम जनमानस से इस तरह बर्ताव करते हैं जैसे की पिछले जन्म का कर्ज खाया हुआ है और इस जन्म में हम उनके समक्ष नौकर के रूप में जन्म लिए हैं । खैर परेशान युवक कल परसों फिर से ऑफिस जाएगा अपने कागज को पता करने के लिए परंतु लचर चल रही इस व्यवस्था को सुधार मे लाने की अत्यंत आवश्यकता है।