आमिर, देवल ब्यूरो ,जौनपुर पूर्वांचल विश्वविद्यालय अब शिक्षा का नहीं, भाजपा–आरएसएस की राजनीति का अड्डा बन चुका है। यह गंभीर और शर्मनाक स्थिति भाजपा और संघ की सोची-समझी साज़िश का परिणाम है। यह आरोप भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के जिलाध्यक्ष यशस्वी सिंह ‘सृजन’ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा ।
यशस्वी सिंह ने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय की अस्मिता, स्वायत्तता और शैक्षणिक गरिमा को भाजपा और आरएसएस ने रौंद दिया है। विश्वविद्यालय, जो ज्ञान और विचारों का केंद्र होना चाहिए था, उसे संघ–भाजपा ने अपना राजनीतिक कार्यालय बना लिया है, जहाँ आए दिन उनके कार्यक्रम चल रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन और बीसी खुलेआम भाजपा की एजेंट की भूमिका निभा रही है।
प्रशासन की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं कि हर रोज़ संघ और भाजपा के राजनीतिक आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में हों। यह विश्वविद्यालय अधिनियम, संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का खुला उल्लंघन है।
यशस्वी सिंह ने कहा कि आज से विश्वविद्यालय परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का तीन दिवसीय कार्यक्रम चल रहा है।
अगर यह वास्तव में छात्रों का कार्यक्रम है, तो उसमें छात्रों को यह भी बताया जाना चाहिए कि
आरएसएस ने आज़ादी की लड़ाई के समय अंग्रेज़ों की मुखबिरी की,संविधान का विरोध किया,और भारत जोड़ो आंदोलन के दौरान छात्रों और युवाओं को उसमें शामिल न होने के लिए डराया और रोका।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो आंदोलन नफ़रत के खिलाफ, संविधान की रक्षा के लिए और देश को जोड़ने का प्रयास था, लेकिन संघ–भाजपा को यह स्वीकार नहीं था।इसीलिए उन्होंने छात्रों को उस ऐतिहासिक आंदोलन से दूर रखने का षड्यंत्र रचा।
यशस्वी सिंह ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहाNSUI विश्वविद्यालयों को संघ–भाजपा की वैचारिक गुलामी में नहीं जाने देगी।
अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत राजनीतिक हस्तक्षेप बंद नहीं किया, तो NSUI सड़क से लेकर परिसर तक निर्णायक छात्र आंदोलन छेड़ेगी।
अंत में उन्होंने कहा विश्वविद्यालय सत्ता का नहीं, सवालों का स्थान होता है।
भाजपा–आरएसएस अगर छात्रों की सोच पर कब्ज़ा करना चाहती है, तो NSUI उसे हर मोर्चे पर चुनौती देगी।