फोटोग्राफी, पोस्टर मेकिंग और प्रश्नोत्तरी में प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
देवल संवाददाता, विश्व वन्यजीव संरक्षण दिवस कार्यक्रम का सफल आयोजन- महाराजा सुहेल देव विश्वविद्यालय, आज़मगढ़ के प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा विश्व वन्यजीव संरक्षण दिवस अत्यंत उत्साह एवं जागरूकता के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में 180 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए, जिनमें से28 प्रतिभागियों ने फोटोग्राफी प्रतियोगिता,28प्रतिभागियों ने पोस्टर प्रतियोगिता, तथा114 से अधिक प्रतिभागियों ने क्विज़ प्रतियोगिता में भाग लेकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी रुचि प्रदर्शित की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति महोदय ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि —वन्यजीव हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की रीढ़ हैं और इनके बिना पृथ्वी पर जीवन का संतुलन संभव नहीं। मानव विकास तभी सार्थक है जब वह प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर आगे बढ़े। युवाओं के भीतर पर्यावरण संरक्षण की चेतना ही आने वाले समय में धरती को सुरक्षित कर सकती है।उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि आधुनिकता के साथ–साथ प्रकृति के नैसर्गिक संसाधनों एवं वन्यजीवों की रक्षा के प्रति जिम्मेदार भूमिका निभाएँ और संरक्षण को केवल पुस्तकों तक सीमित न रखकर व्यवहार में लाएँ। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. आसिफ़ सुलैमान के व्याख्यान से हुई, जिसमें उन्होंने वन्यजीवों के महत्व, बढ़ते खतरों, विलुप्ति की कगार पर खड़ी प्रजातियों एवं मानव उत्तरदायित्व पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम के अंत में विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किए गए, जिनमें उत्कृष्ट प्रतिभाओं ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबका ध्यान आकर्षित किया। फोटोग्राफी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आदित्य सिंह (बी.कॉम), द्वितीय स्थान गीतांजलि कुमारी (एमएससी जूलॉजी) और तृतीय स्थान सुब्रत मिश्रा (बी.कॉम) ने प्राप्त किया। पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार अफीफा मुश्ताक (एमएससी जूलॉजी, तृतीय सेम.), द्वितीय पुरस्कार अनामिका उपाध्याय (एमएससी जूलॉजी, प्रथम सेम.) तथा तृतीय पुरस्कार दीक्षा सिंह (बीएससी बायोलॉजी) को प्रदान किया गया। क्विज़ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रशांत कुमार (एमएससी जूलॉजी), द्वितीय स्थान नुज़हा तनवीर (एमएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी) और तृतीय स्थान सौभाग्य सिंह (बी.कॉम) ने हासिल किया। सभी विजेताओं ने अपने उत्कृष्ट ज्ञान, रचनात्मकता और सामर्थ्य से वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता को प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया, जिनका विश्वविद्यालय परिवार द्वारा हार्दिक अभिनंदन किया गया। पूरे कार्यक्रम का संचालन और समन्वय डॉ.आसिफ़ सुलैमान, डॉ. दिव्या एवं डॉ. उमाश्री द्वारा अत्यंत प्रभावी रूप से किया गया।अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, और छात्रों ने संकल्प लिया कि वन्यजीव संरक्षण केवल एक दिवस का विषय नहीं बल्कि हर व्यक्ति की आजीवन जिम्मेदारी है। आओ मिलकर प्रयास करें — "वन्यजीव बचाएँ, प्रकृति सजाएँ"
