कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद में संचालित गो आश्रय स्थलों में उपलब्ध व्यवस्थाओं एवं संचालन के स्थिति की गौशालावार गहन समीक्षा की।
इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने जनपद में संचालित गो आश्रय स्थलों के विवरण की जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में कुल 30 अस्थाई गो आश्रय स्थल, चार वृहद गो संरक्षण केंद्र एवं चार गो आश्रय स्थल नगर पालिका/नगर पंचायत शहरी केंद्र कुल 38 स्थाई/अस्थाई केंद्र संचालित हैं, जिसमें 4986 गोवंश संरक्षित हैं। इसी के साथ ही निर्माणाधीन वृहद गो संरक्षण केंद्र सस्पना एवं अस्थाई गो आश्रय स्थल रामकोला रामनगर 14 जनवरी 2026 तक पूर्ण एवं क्रियाशील हो जाएगा तथा निर्माणाधीन बृहद गो संरक्षण केंद्र राजेसुल्तानपुर, नगर पंचायत राजेसुल्तानपुर मार्च 26 तक पूर्ण हो जाएगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित समस्त गो आश्रय स्थलों हेतु हरे चारे की उपलब्धता, ठंड से बचाव हेतु अलाव, शेड में तिरपाल, पुआल आदि व्यवस्थाओं की स्थिति की संबंधित ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, पशु चिकित्सा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी/अधिशासी अधिकारी से जानकारी ली। इस अवसर पर संबंधित ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा बताया गया कि उनके गो आश्रय स्थलों में संरक्षित गो वंशों को नियमित हरा चारा उपलब्ध कराए जाने की दृष्टिगत आवश्यकतानुसार कृषिकों से हरे चारे का अनुबंध कर लिया गया है। सभी गौशालाओं में आवश्यकतानुसार अलाव की व्यवस्था की गई है एवं शेड के अंदर पुआल डाला जा रहा है। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने आवश्यकतानुसार गो आश्रय स्थलों के फेंसिंग को और बेहतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने एक सप्ताह के अंदर संबंधित गो आश्रय स्थलों के फेंसिंग एवं सोलर का एस्टीमेट बनाकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसी के साथ ही उन्होंने सभी ग्राम पंचायत सचिवों को गोवंशों के पूलिंग के कार्य में और तेजी लाने और सभी गो आश्रम स्थलों में नियमित ठंड से बचाव की व्यवस्था सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए, साथ ही जिलाधिकारी ने पूलिंग के कार्य में ग्राम प्रधानों एवं आम जनमानस को भी सहयोग करने को कहा जिससे प्रत्येक निराश्रित गोवंश को गौशालाओं में सुगमता से संरक्षित किया जा सके। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों को कैटल कैचर क्रय की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण कर कैटल कैचर क्रय करने के निर्देश दिए। इसी के साथ ही उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को नियमित गौशालाओं का निरीक्षण करने एवं समस्त सुविधाओ को व्यवस्थित रखने के निर्देश दिए।