देवल संवाददाता, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश सनातन संस्कृति और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को सशक्त करते हुए आर्चॉन पावर इंफ्रा ने महाराजा सुहेलदेव आज़मगढ़ विश्वविद्यालय परिसर के बाहर एक मंदिर का निर्माण कराया है। यह पहल कंपनी की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व योजना के अंतर्गत की गई है, जिसका उद्देश्य समाज को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाना है।
यह मंदिर बरगद (बन्यन) वृक्ष के समीप स्थापित किया गया है, जिसे सनातन परंपरा में स्थायित्व, संरक्षण और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। विश्वविद्यालय क्षेत्र में स्थित यह स्थल छात्रों, स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं के लिए शांति, ध्यान और सकारात्मकता का केंद्र बनेगा।
आर्चॉन पावर इंफ्रा के निदेशक कपिल शर्मा ने कहा,
“सनातन संस्कृति हमारी जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा देती है। आर्चॉन पावर इंफ्रा में हम मानते हैं कि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक दायित्व निभाना भी आवश्यक है। यह मंदिर समाज के प्रति हमारी उसी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा के केंद्र के समीप इस मंदिर का निर्माण युवाओं को भारतीय संस्कृति और नैतिक मूल्यों से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास है।
स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने कंपनी की इस पहल की सराहना करते हुए इसे समाज में सकारात्मक सोच और सामूहिक चेतना को बढ़ावा देने वाला कदम बताया।
आर्चॉन पावर इंफ्रा का यह प्रयास यह दर्शाता है कि आधुनिक उद्योग और सनातन परंपराएँ एक-दूसरे के पूरक हो सकती हैं, और सामाजिक विकास के साथ आध्यात्मिक संतुलन भी संभव है।