कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।अंबेडकरनगर जिले में प्यार के एक ऐसे रिश्ते ने जन्म लिया है, जिसने 'प्यार अंधा होता है' की पुरानी कहावत को न केवल सच साबित कर दिया, बल्कि समाज और उम्र की सभी रूढ़िवादी दीवारों को भी तोड़ दिया है। जहांगीरगंज के हुसेनपुर खुर्द गांव निवासी पांच बच्चों की मां ने अपने बेटे की उम्र के युवक से शादी रचा ली है। शादी के वक्त महिला का पति का भी मौजूद था। पत्नी को इस उम्र में छोड़ते देख भावुक हो गया और बोला कि जब वह मेरे साथ नहीं रहना चाहती तो क्या कर सकता हूं। इस अनोखे विवाह को लेकर पूरे इलाके में चर्चा का बाज़ार गर्म है, और लोग कह रहे हैं कि इस प्यार को क्या नाम दूं...।
कबाड़ खरीदते समय परवान चढ़ा प्यारः बताया जाता है कि हुसेनपुर खुर्द गांव का निवासी निखिल आजीविका के लिए देवरिया जिले के भटनी थाना क्षेत्र में फेरी लगाकर कबाड़ खरीदता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात मुन्नी देवी से हुई, जो पहले से पांच बच्चों की मां थीं। उनकी लगातार मुलाकातों ने जल्द ही एक गहरे प्रेम संबंध का रूप ले लिया।हैरान करने वाली बात तो यह थी कि निखिल की उम्र मुन्नी देवी के सबसे बड़े बेटे की उम्र के लगभग बराबर है। इसके बावजूद दोनों ने उम्र के भारी अंतर और सामाजिक लोक-लाज की परवाह न करते हुए एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया।जैसे ही यह प्रेम कहानी मुन्नी देवी के परिवार और पति के सामने आई, घर-परिवार में भारी हंगामा हुआ और सामाजिक दबाव भी बना। मुन्नी देवी पर अपने रिश्ते को तोड़ने का दबाव डाला गया, लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रहीं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह निखिल के साथ ही अपना शेष जीवन बिताना चाहती हैं।मुन्नी देवी के इस अटूट निश्चय के बाद, दोनों ने आलापुर थाना क्षेत्र के एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से विवाह रचा लिया। इस विवाह का सबसे असाधारण पहलू यह था कि इस दौरान मुन्नी देवी के पहले पति भी मौके पर मौजूद थे। मुन्नी देवी के पति ने भारी मन से ही सही, लेकिन इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि जब वह मेरे साथ नहीं रहना चाहती है तो जबरदस्ती उसे रखा नहीं जा सकता।मुन्नी देवी का विवाह कई वर्ष पूर्व हुआ था और वह पांच बच्चों की मां हैं। इसके बावजूद उन्होंने अपने दिल की सुनी और निखिल के साथ नए जीवन की शुरुआत की। यह घटना दर्शाती है कि प्रेम संबंधों में भावनात्मक जुड़ाव उम्र, परिवार या सामाजिक बंधनों से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है।
