देवल संवाददाता, आज़मगढ़ । शहर के रोडवेज बस स्टैंड पर उस समय सनसनी मच गई जब पुलिस की वर्दी में संदिग्ध तरीके से घूम रही एक महिला पकड़ी गई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह असली पुलिसकर्मी नहीं, बल्कि वर्दी पहनकर फ्री यात्रा करने वाली फर्जी ‘लेडी कॉप’ थी।
गुरुवार को थाना–कोतवाली क्षेत्र में ड्यूटी पर मौजूद उ0नि0 सौरभ त्रिपाठी और महिला उ0नि0 प्रज्ञा सिंह ने रोडवेज परिसर में एक महिला को यूपी पुलिस की वर्दी में संदिग्ध गतिविधियों के साथ घूमते देखा। वर्दी धारण करने का तरीका और व्यवहार पुलिसकर्मी से मेल न खाने पर उसे रोका गया। पहले तो उसने तैनाती के बारे में गलत जानकारी दी, लेकिन सख्त पूछताछ में उसने अपना नाम नीतू चौहान, निवासी बनकटा बुजुर्ग, थाना राजेसुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर बताया। उसने यह भी स्वीकार किया कि वह पुलिस में नहीं है और बस-ट्रेन में बिना टिकट सफर करने के लिए वर्दी पहनती है।
तलाशी में महिला के पास से यूपी पुलिस की पूरी वर्दी सेट बेल्ट, दोनों कंधों के बैज, मोनोग्रामयुक्त खाकी वर्दी, गोल्डन चिन्ह वाली पी–कैप, पुलिस पैटर्न के जूते-मोजे सहित एक लाल रंग का पर्स मिला, जिसमें ₹230 थे।
गिरफ्तार महिला के खिलाफ पहले से ही लखनऊ के सरोजनीनगर, आज़मगढ़ के अतरौलिया और कोतवाली में फर्जीवाड़े, धोखाधड़ी और दस्तावेज़ जालसाज़ी से जुड़े तीन मुकदमे चल रहे हैं।