देवल, ब्यूरो चीफ,म्योरपुर, सोनभद्र। स्थानीय तहसील के ग्राम पंचायत पनारी के चकाडी और गुडूर के बीच रेणुका नदी में बहाए जा रहे तापीय परियोजना के राखड़ को लेकर रविवार को सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी के बैनर तले जल सत्याग्रह का आयोजन स्थानीय ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं ने किया। स्थानीय ग्रामीणों ने रेणुका नदी की व्यथा और उससे उपजी विकराल समस्या से अवगत कराते हुए बताया कि राखड़ किसानों के खेत से होते हुए नदी में मिल रहा है। स्थानीय स्तर पर राखड़ वाले स्थान से हमारे गांव के पशु मर जाते है, हम ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। कैंसर, पागलपन, चिड़चिड़ा पन, महिलाओं में खुजली, जलन, टाइफाइड, अस्थमा जैसी बीमारियां बढ़ रही है। इसके साथ ही नदी के जलीय जीव भी विलुप्त हो रहे। सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी के संयोजक रामेश्वर प्रसाद, जगत नारायण विश्वकर्मा ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का हर हाल में पालन हो अन्यथा हम लोग अगली बार हजारों की संख्या में एकत्र होकर सत्याग्रह करेंगे। मौके पर पहुंचे थर्मल पावर ओबरा के उप महाप्रबंधक एके राय ने आश्वाशन दिया कि हम मानते है कि नदी में राखड़ ओवर फ्लो के जरिए आया है। उसके लिए हम लोग तेजी के काम कर रहे है। आगे नदी में राखड़ नहीं बहाया जाएगा। कहा, गर्मी के दिनों में राखड़ नहीं उड़ने दिया जाएगा। ग्रामीणों की जो भी समस्या होगी उसका सार्थक समाधान तत्परता के साथ किया जाएगा। मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि कोरा आश्वासन से हम लोग ऊब चुके है। मौके पर एके राय, अधिशासी अभियंता अंकुर, अजय भारती, अखिलेश कन्नौजिया, अंकित कुमार, राम विलास साहनी, हरीचंद, राम जानकी, राम निहोर, लालचंद, जनार्दन, रामचंद्र, प्रमोद चौबे आदि मौजूद रहे।
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