कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।मीठी चीनी बनाने वाली अकबरपुर चीनी मिल अब मौत बांटने का अड्डा बन चुकी है। मिल के अंदर से दिन-रात दर्जनों ओवरलोड ट्रेलर दौड़ रहे हैं, धूल का गुबार, गड्ढों से भरी सड़क और 50 टन तक वजनी ट्रेलरों की रफ्तार ने पूरे इलाके को दहशतजदा कर रखा है हाइवे से ये गुजरते ट्रेलर लोगों की जान पर भारी पड़ रहे हैं। महिलाएं साइकिल से बाजार जा रही हैं तो दिल धड़कता है कि कब कोई ट्रेलर कुचल दे। गत दिवस एक युवक गिरकर बुरी तरह जख्मी हो चुका है, लेकिन मिल प्रशासन और जिला अधिकारी की कुर्सी तक आवाज नहीं पहुंची। ग्रामीण चीख-चीख कर बता रहे हैं कि दिन में दो सौ से ज्यादा ट्रेलर मिल के अंदर से निकलते हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं।लोग पूछ रहे हैं, आखिर चीनी मिल किसकी है? जनता की या भट्ठा माफियाओं की? करोड़ों की संपत्ति अब अवैध ट्रांसपोर्ट का नया ठिकाना बन गई है। मिल तक पहुंचने का रास्ता इतना खतरनाक हो चुका है कि शाम ढलते ही कोई पैदल चलने की हिम्मत नहीं करता। धूल ऐसी उड़ती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है, सड़क हर हफ्ते धंसती है, लेकिन अफसरों को सिर्फ कुर्सी बचाने की पड़ी है।ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दे दी है, अगर समय रहते इन ट्रेलरों की आवाजाही नहीं रुकी तो कितने लोगों की जान जाएगी इसको बताया नहीं जा सकता,अब सवाल सिर्फ एक है, क्या किसी मासूम की लाश गिरने का इंतजार है ताकि नींद से जागें ये बेखबर अफसर? जनपद में बग़ैर रजिस्ट्रेशन के दौड़ रहे ट्रेलरों पर अगर रोक नहीं लगी तो ऐसे जान जाती रहेगी और शासन प्रशासन के लोग दुर्घटना करने वाले वाहन की खोज करने में परेशान रहेंगे,अकबरपुर चीनी मिल अब सिर्फ चीनी नहीं, मौत पैक कर रही है।कब तक चलेगा ये खुला खेल? जनता अब जवाब मांग रही है!
अकबरपुर चीनी मिल अब मौत का रास्ता! अवैध ट्रेलरों के लिए खुला खेल, अफसरों की खामोशी से हर पल दहशत में जी रहे हजारों लोग
दिसंबर 02, 2025
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