देवल संवाददाता, आजमगढ़। देशभर में निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे SIR (Special Intensive Revision) अभियान की जटिल व विवादित प्रक्रिया के विरोध में सामाजिक प्रतिनिधियों ने आज महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की मांग की। प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि वर्तमान SIR प्रणाली से दलित, आदिवासी, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्गों के मताधिकार पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि बिना कारण बड़े पैमाने पर नाम हटाए जा रहे हैं।
ज्ञापन में बीएलओ कर्मचारियों पर बढ़ते दबाव, लक्ष्य आधारित कार्यभार और कई राज्यों में सामने आती आत्महत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए उनकी कार्य-शर्तों में सुधार की मांग उठाई गई। पूर्णमासी प्रजापति, मूलचन्द, ओमप्रकाश यादव समेत अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेकर जनहित में आवश्यक कदम उठाएंगे।
