देवल संवाददाता,बलिया कलेक्ट्रेट में बुधवार को उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन (UPMSARE), संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य फ्रंटल संगठनों ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतिनिधि को सौंपा।
एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों (SPEs) की समस्याओं पर तत्काल ध्यान देना आवश्यक है। सरकारी कार्रवाई के अभाव में, सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों को नियोक्ताओं द्वारा अपनाई जाने वाली अनुचित श्रम प्रथाओं का सामना करना पड़ रहा है।
नियोक्ताओं द्वारा SPEs को अवैध रूप से स्थानांतरित किया जा रहा है, उनका काम रोका जा रहा है और उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है। वे फर्जी मुद्दे बनाकर कर्मचारियों को वेतन और यात्रा खर्च का भुगतान करने से भी इनकार कर रहे हैं।
नियोक्ताओं पर बिक्री संवर्धन कर्मचारी अधिनियम और अन्य श्रम कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप है। वे नियमित रूप से कर्मचारियों को धमकाते और अपमानित करते हैं। यूनियन नेताओं और श्रमिकों के लोकतांत्रिक व कानूनी अधिकारों को दबाने के लिए उनके खिलाफ झूठी पुलिस शिकायतें भी दर्ज की जा रही हैं।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि चार श्रम संहिताओं को निरस्त किया जाए और बिक्री संवर्धन कर्मचारी (सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1976 सहित मौजूदा श्रम कानूनों को जारी रखा जाए। उन्होंने असंवैधानिक और मजदूर विरोधी "श्रम शक्ति नीति 2025" को भी खत्म करने की मांग की।
उन्होंने औद्योगिक विवाद (संशोधन) अधिनियम, 1982 की धारा 2 (जे) (ii) (बी) के अनुसार, "उद्योग" की परिभाषा को अधिसूचित और प्रभावी करने का आग्रह किया, जिसमें बिक्री या व्यवसाय को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को शामिल किया गया है। साथ ही, सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों की निश्चित अवधि रोजगार (Fixed Term Employment) पर नियुक्ति की अनुमति न देने की मांग की गई।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी सुनिश्चित करने की मांग की कि नियोक्ताओं द्वारा सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों की कोई छंटनी या स्थानांतरण न हो। उन्होंने आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया ताकि नियोक्ता कर्मचारियों को नौकरी से न निकालें और सभी सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों को समय पर वेतन का पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाए। बिक्री संवर्धन कर्मचारी (सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1976 और संबंधित नियमों का पालन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया।
