देवल संवाददाता, आजमगढ़। जिले में एक सब-इंस्पेक्टर द्वारा मारपीट के मुकदमे में त्वरित कार्रवाई के नाम पर वादी से 5 हजार रुपये रिश्वत मांगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। शिकायत मिलते ही पुलिस महकमे ने तुरंत एक्शन लिया और आरोपी सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जेल भेज दिया। मारपीट के शिकार वादी आकाश चौहान (ग्राम मिर्जापुर, थाना देवगांव) ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी कि उनके मुकदमे की विवेचना कर रहे सब-इंस्पेक्टर लालबहादुर प्रसाद तीनों आरोपियों को जेल भेजने, चार्जशीट दाखिल करने और जल्दी कार्रवाई करने के एवज में उनसे लगातार 5 हजार रुपये की अवैध राशि मांग रहे हैं। वादी ने पुरानी रंजिश में ग्राम प्रधान सोनू प्रजापति व उसके साथियों द्वारा की गई मारपीट की घटना की एफआईआर थाना देवगांव में दर्ज कराई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने तत्काल संज्ञान लिया और क्षेत्राधिकारी लालगंज को निष्पक्ष जांच सौंपी। जांच में सब-इंस्पेक्टर लालबहादुर प्रसाद प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए तथा रिश्वत मांगने की शिकायत पूरी तरह सत्य पाई गई। इसके बाद थाना देवगांव में मुकदमा संख्या 441/2025 धारा-7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया। आरोपी सब-इंस्पेक्टर को तुरंत निलंबित कर हिरासत में ले लिया गया और जेल भेज दिया गया। पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार व अवैध वसूली पर जीरो टॉलरेंस की नीति है और ऐसे किसी भी कर्मी के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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नवंबर 25, 2025
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