संतोष,देवल ब्यूरो,आजमगढ़। विकास खंड कोयलसा के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। कारण यह है कि इन रसोइयों को पिछले लगभग एक वर्ष से मानदेय (वेतन) नहीं मिला है। स्थिति यह हो गई है कि कई रसोइये अब कर्ज लेकर किसी तरह अपने परिवार का गुज़ारा कर रहे हैं। इसके बावजूद वे रोज़ विद्यालय पहुंचकर बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन तैयार कर रहे हैं, ताकि शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो।रसोइयों का कहना है कि वे पिछले एक साल से बिना वेतन के काम कर रहे हैं। सरकार की तरफ से उन्हें प्रति माह मामूली मानदेय मिलता है, लेकिन अब वह भी महीनों से बंद है। “हम गरीब लोग हैं, घर का खर्च, बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना बेहद कठिन हो गया है,” एक महिला रसोइया ने बताया। कुछ रसोइयों ने कहा कि अगर जल्द भुगतान नहीं हुआ तो उन्हें काम छोड़ना पड़ सकता है।
ग्रामीणों ने भी इस स्थिति पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जिन लोगों के प्रयास से बच्चों को विद्यालय में पौष्टिक भोजन मिलता है, वही लोग अपने परिवार के भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। “यह व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है,” ग्रामीणों का कहना है।इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) प्रेम चंद्र मौर्य से बात की गई तो उन्होंने बताया कि “रसोइयों के मानदेय के भुगतान में देरी की जानकारी विभागीय अधिकारियों को दे दी गई है। मामला उच्च स्तर पर भेजा गया है, और जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।”स्थानीय सामाजिक संगठनों और शिक्षक प्रतिनिधियों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि रसोइयों के बकाया मानदेय का भुगतान शीघ्र किया जाए, ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें और बच्चों की सेवा पूरे मनोयोग से जारी रख सकें।
