देवल संवाददाता, इन्दारा। कोपागंज विकास खंड के पवहारी जी महाराज मंदिर परिसर महुआर बासगितिया में रविवार को महाराणा प्रताप की प्रतिमा का समारोहपूर्वक अनावरण हुआ। बतौर मुख्य अतिथि कैसरगंज पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह और विशिष्ठ अतिथि सदस्य विधान परिषद देवेन्द्र प्रताप सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रतिमा का अनावरण किया। क्षत्रियों की आन,बान व शान माने जाने वाले महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा अब मन्दिर परिसर की शोभा बढ़ाएगी।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापना के महत्व और आयोजन के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि महा राणा प्रताप लव के वंशज थे इनकी जड़ अयोध्या में थी। और न अयोध्या कभी प्राधिन हुई न चितौड़ कभी प्राधिन हुआ। हम कही भी जाते है तो एक कविता की एक लाइन है ' हम कौन थे क्या हो गए क्या होगे अभी आओ मिलकर के विचारे समस्या सभी, यद्यपि हमें इतिहास प्राप्त पूरा है नही फिर भी हम कौन थे ये भी अधूरा है नही,हम सतयुग में भी है त्रेता में भी है द्वापर में भी हूं कलयुग में भी है। हम सभी से कहना चाहते है कि क्या महा राणा प्रताप अपना घोड़ा स्वम खिलाते थे,क्या अपनी तलवार खुद बनाते थे क्या अपना भोजन खुद बनाते थे,महा राणा प्रताप नेता थे योद्धा थे,लेकिन हम सब लोग जानते है कि भगवान राम हमारे आदर्श है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महाराणा प्रताप के शौर्य,बलिदान और स्वाभिमान की स्मृति को स्थायी बनाना है। सदस्य विधान परिषद देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि महाराजा महाराणा प्रताप सिंह ने कभी मुगल बादशाह अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। कई सालों तक संघर्ष किया। घास की रोटियां तक खानी पड़ी। फिर भी बादशाह अकबर महाराणा प्रताप सिंह को अपने अधीन नहीं कर सके थे। प्रतिमा की स्थापना के बाद यह स्थल महुआर वासियों के लिए एक नया ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया है। घोसी विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि मेवाड़ में सिसौदिया राजवंश के महाराणा उदयसिंह के सुपुत्र महाराणा प्रताप सिंह को इतिहास में वीरता,शौर्य,त्याग,पराक्रम और दृढ़ संकल्प के लिए वीर शिरोमणि के रूप में जाना जाता हैं। अनावरण समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक,सामाजिक संगठन और भाजपाइयों सर्वदलीय के साथ कार्यक्रम में विधायक केतकी सिंह,घोसी विधायक सुधाकर सिंह,पूर्व जिलाध्यक्ष नुपूर अग्रवाल,पूर्व ब्लाक प्रमुख सुजीत सिंह,आयोजनकर्ता अनूप सिंह (एमएलसी प्रतिनिधि),रितेश सिंह,शशि सिंह,आशीष सिंह,धर्मेंद्र सिंह,पुनीत सिंह,दिवाकर सिंह,शेरू सिंह,अभिषेक पांडे,रामसुधार पांडेय समेत क्षत्रिय समाज के तमाम गणमान्य मौजूद रहे।
