देवल, ब्यूरो चीफ,डाला, सोनभद्र। लाख पावंदियों के बावजूद जनपद के ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर सरकारी धन के बंदरबांट का गोरखधंधा रूकने के बजाए अमरबेर की तरफ तेजी से पनफ रहा है। कहीं चकरोड, तो कहीं सामुदायिक शौचालय निर्माण तो कहीं रिबोर के नाम पर सरकारी धन का ग्राम प्रधान व सचिव आपस में मिलीभगत कर जमकर दुरूपयोग कर रहे हैं। शिकायतों के बावजूद पंचायती विभाग के उच्चाधिकारी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई कराने के बजाए अपने ऐसीदार कमरों में बैठकर सिर्फ कागजी घोड़ा दौडाने में व्यस्त हैं।
चोपन विकास खंड के ग्राम पंचायत हर्रा में रिबोर कराने के नाम पर लाखों रूपए सरकारी धन का बंदरबांट किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। हैरानी की बात तो यह है कि भ्रष्टाचारियों ने एक ही रिबोर को अलग-अलग स्थान दिखाकर लाखों रूपए सरकारी खजाने से निकाल कर डकार गए, बावजूद इसके पंचायती विभाग के हुक्मरानों को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामले में की गई शिकायत पर हुई जांच के बाद यह भ्रष्टाचार उजागर हुआ। सूत्रों ने बताया कि चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत हर्रा में रिबोर के नाम पर सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग किए जाने की शिकायत आमिल बेग नामक व्यक्ति ने किया था। मामले की जांच में लगाए गए आरोप सही पाए गए। जांच में सामने आया कि वर्ष 2020-21 में ग्राम पंचायत हर्रा में शिवरतन के घर के पास रिबोर का कार्य कराए जाने के नाम पर ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा 16 दिसंबर 2020 को 84689 रूपए निकाला गया है। बाद इसी रिबोर को शिवरतन चेरो के नाम पर दुवारा दिखाकर 16 फरवरी 2023 को 91636 रूपए निकाल लिया गया। इसी प्रकार रामप्यारे गोड़ के घर के पास रिबोर के कार्य के नाम पर 16 दिसंबर 2020 को 82447 रूपए का भुगतान कराए जाने की पुष्टि हुई। फिर दुबारा इसी रिबोर को रामप्यारे गोड़ के घर के पास दिखाकर 92100 रूपए फर्जी तरीके से निकाला गया। इस तरह का अन्य जगहों पर भी रिबोर कराए जाने के नाम पर सरकारी खजाने से लाखों रूपए का भुगतान कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है। सहायक विकास अधिकारी की जांच आख्या से यह स्पष्ट है कि ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से अभिलेखिय सत्यापन में पाया गया कि शिकायतकर्ता आमिल बेग के द्वारा की गयी शिकायत आंशिक रूप से सत्य है। ग्राम पंचायत हर्रा के वर्तमान ग्राम प्रधान एवं तत्कालीन पंचायत सचिव के द्वारा रामप्यारे के घर के पास हैण्डपम्प रिबोर के कार्य पर पूर्व से हुए भुगतान 82477 रूपए के स्थान पुनः 31 मार्च 2023 को 92100 रूपए का भुगतान कराया गया है। ऐसी स्थिति में रामप्यारे गोड़ के घर के पास हैण्डपम्प रिबोर के कार्य पर पुनः 31 मार्च 2023 को 82477 रूपए के स्थान पर 92100 रूपए का किया गया भुगतान नियम विरुद्ध है। उधर मामले में डीपीआरओ नमिता शरण से संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन वे मौजूद नहीं मिली। लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।
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