भव्य और सुरक्षित गोविन्द साहब मेले की तैयारियों को समय से पूर्ण करने के हेतु अधिकारियों को दिए निर्देश
कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।आगामी 29/30 नवंबर 2025 से प्रारंभ होने वाले सुप्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक गोविन्द साहब मेला की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला ने उप जिलाधिकारी आलापुर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मेला क्षेत्र का भ्रमण कर तैयारियों का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मेला क्षेत्र में शौचालय (स्थाई/अस्थाई) का निर्माण समय से न पूरा होने एवं मेला क्षेत्र में साफ–सफाई की व्यवस्था बेहतर न पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की, और जे०ई० जिला पंचायत रमेश कुमार को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने शौचालयों की स्थापना का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के साथ ही मेला परिसर में नियमित बेहतर साफ सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मेला क्षेत्र में संचालित प्रमुख स्थलों/कैंपों का जगह-जगह साइन बोर्ड लगाए जाने, तथा आवश्यकतानुसार प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी कैमरा को शीघ्र इंस्टॉल कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने उप जिलाधिकारी आलापुर एवं क्षेत्राधिकारी को पार्किंग स्थलों पर रेट बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने तालाब के पास आवश्यकतानुसार और अतिरिक्त चेंजिंग रूम बनाए जाने के निर्देश दिए। भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा मेला क्षेत्र में दुकानदारों से वार्ता की गई तथा सभी दुकानदारों को अपने-अपने दुकानों के पास अनिवार्य रूप से डस्टबिन रखने के निर्देश दिए गए। उन्होंने मेला क्षेत्र में मेलार्थियों श्रद्धालुओं के ठहरने हेतु आवश्यकतानुसार उपयुक्त स्थलों पर और रैन बसेरे बनाए जाने के निर्देश दिए गए। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने पशु बाजार में पशुओं के ट्रांसपोर्टेशन हेतु रवन्ना रसीद के साथ साथ पशुओं को वाहनों में मानवीय क्षमता के अनुरूप ही लाने एवं ले जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने लगभग एक माह तक चलने वाले इस ऐतिहासिक मेले की अवशेष समस्त व्यवस्थाओं को समयबद्ध ढंग से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने सफाई व्यवस्था, रेन बसेरा, कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था, फॉगिंग, पेयजल, टॉयलेट स्थापना एवं उसकी साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, साइकिल स्टैंड, चेंजिंग रूम, नाव व गोताखोर की व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, खाद्य पदार्थ जांच व्यवस्था, खोया–पाया केंद्र, अलाव, साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था, आवागमन एवं परिवहन व्यवस्था जैसी सभी व्यवस्थाओं के संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
