कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर आज जनपद के सभी प्रमुख मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों पर श्रद्धा एवं भक्ति के वातावरण में अखंड रामायण पाठ, भजन–कीर्तन, आरती एवं प्रसाद वितरण कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया गया। शासन के निर्देशानुसार तथा जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला के मार्गदर्शन में इन आयोजनों को शांतिपूर्ण एवं गरिमामय ढंग से सम्पन्न कराया गया।
जनपद मुख्यालय सहित सभी नगर निकायों एवं विकासखंडों में स्थित प्रमुख मंदिरों में भक्तों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से रामायण पाठ का श्रवण किया और महर्षि वाल्मीकि के जीवन व शिक्षाओं से प्रेरणा ग्रहण की।
महर्षि वाल्मीकि जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि आत्मज्ञान, कर्म और सत्संग से मनुष्य अपने जीवन को ऊँचाई तक पहुँचा सकता है। रामायण जैसे ग्रंथ भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों सत्य, प्रेम, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा को पीढ़ियों तक पहुँचाने का कार्य करते हैं। कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं, महिला समूहों, स्कूली बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। भजन मंडलियों द्वारा प्रस्तुत किए गए रामचरितमानस के पदों ने वातावरण को भक्ति और श्रद्धा से सराबोर कर दिया। महर्षि वाल्मीकि, जिन्हें आदिकवि के रूप में जाना जाता है, संस्कृत साहित्य के प्रथम महाकवि हैं। उनकी रचना रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आदर्शों और जीवन मूल्यों की अमूल्य धरोहर है। महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर जनपद भर में हुए इन आयोजनों ने न केवल श्रद्धा और भक्ति की भावना को प्रगाढ़ किया, बल्कि समाज में सद्भाव, समरसता और नैतिकता के संदेश को भी व्यापक रूप से प्रसारित किया।

