आमिर, देवल ब्यूरो ,सरायख्वाजा, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का 29वां दीक्षांत समारोह सोमवार को महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में संपन्न हुआ जहां कुलाधिपति एवं राज्यपाल उत्तर प्रदेश आनन्दीबेन पटेल ने सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले स्नातक एवं स्नातकोत्तर के 79 मेधावियों को 80 स्वर्ण पदक प्रदान किया। साथ ही 445 शोधार्थियों को पी.एचडी. और 2 को डीलिट की उपाधि दिया। इस वर्ष विभिन्न पाठ्यक्रमों में स्नातक और परास्नातक के 80141 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गयी। कुलाधिपति जी ने दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि सुनील दत्त को डी.एससी. की मानद उपाधि दिया।
इस मौके पर कुलाधिपति/राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षा तभी सार्थक होती है जब विद्यार्थी गुरु के पास बैठकर कक्षा में संवाद करें। इसी को ध्यान में रखते हुए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य की गई है और इसका कड़ाई से पालन विश्वविद्यालयों को करना होगा। राज्यपाल ने शिक्षकों से आह्वान करते हुए कहा कि वे विद्यार्थियों की शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण भी करें। विश्वविद्यालयों में रिसर्च गंभीरता के साथ होना चाहिये, क्योंकि रिसर्च ही देश और समाज के लिए उपयोगी होता है। इसके लिए शिक्षक और विद्यार्थी दोनों में जज्बा होना जरूरी है। गुजरात में इसरो का उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से जान जा रही है जिसमें खास तौर से आकाशीय बिजली का खतरा ज्यादा रहा। इस बार इससे 85 लोगों की जान चली गई। इस पर गंभीरता के साथ शोध किया जा रहा है कि कैसे मानव और जीव की सुरक्षा की जा सकती है।इसी क्रम में मुख्य अतिथि रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के डिवाइसेज एंड सेल्स प्रेसीडेंट सुनील दत्त ने कहा कि वह स्वयं को इस गौरवपूर्ण अवसर पर उपस्थित पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। विश्वविद्यालय की कुलपति एवं कुलाधिपति को मंच पर आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दीक्षांत केवल अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। ‘जियो की डिजिटल यात्रा’ का उल्लेख करते हुए कहा कि कैसे विश्वास, तकनीक और समावेशिता ने भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर किया। “जब तकनीक सबके लिए होती है, तो समाज बदलता है।” जियो की कहानी इस बात का प्रमाण है कि मेड इन भारत डिजिटल क्रांति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के सपनों का साकार रूप है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि जौनपुर की धरती ने सदैव प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों को जन्म दिया है। रोबोट के निर्माता दिनेश पटेल, डीएनए वैज्ञानिक डॉ. लालजी सिंह, रामभद्राचार्य जैसी महान विभूतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में जौनपुर का अपना विशिष्ट स्थान है। डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से कहा, "आज आपके चेहरे पर जो मुस्कान है, वह आपके माता-पिता के बलिदान और गुरुओं के संघर्ष के बिना संभव नहीं थी। 'माता-पिता, गुरु देव'भवः हमारी संस्कृति का मूल मंत्र है और विद्यार्थियों को इसे सदैव याद रखना चाहिए।" ऐतिहासिक उदाहरण देते हुये कहा कि भगवान राम, कृष्ण, स्वामी विवेकानन्द, चाणक्य, चंद्रगुप्त, स्वामी दयानन्द, शिवाजी, राणा प्रताप जैसे महापुरुषों ने अपना शौर्य युवावस्था में ही विश्व को दिखाया था।
प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि शैक्षणिक उपाधियां उनकी मेहनत और लगन का प्रतिफल हैं। इन उपाधियों का उपयोग सही दिशा में राष्ट्र निर्माण के लिए किया जाना चाहिए। युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा "आगे के जीवन में आपको सफलता और असफलता दोनों का सामना करना पड़ेगा। इन्हीं चुनौतियों के बीच से आपको सफलता का रास्ता खोजना और बनाना होगा।" कहा कि वे देश की दशा और दिशा बदलने का सामर्थ्य रखती हैं। बेटियों से आह्वान किया कि वे अपनी शिक्षा और योग्यता का उपयोग समाज और राष्ट्र के उत्थान में करें।
समारोह में पूविवि की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विवि ने शैक्षणिक, शोध और नवाचार के क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। इस वर्ष समयबद्ध परीक्षा परिणाम घोषित किये गये। 303 शोध पत्र और 15 पेटेंट प्रकाशित हुये तथा स्कोपस पर 15695 साइटेशन और एच-इनडेक्स 56 प्राप्त हुआ। नेचर इंडेक्स रैंकिंग 2024 में उत्तर प्रदेश में दूसरा और भारत में 125वां स्थान मिला। डीएसटी-पर्स और समावेशी उच्च शिक्षा कार्यक्रम के तहत बड़े अनुदान प्राप्त हुए हैं। 22 शोध परियोजनाएं संचालित हैं और 9500 शोध ग्रंथों के साथ प्रदेश में चौथा स्थान मिला। खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों में भी राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार हासिल हुए। नई तकनीकी पहल अंतर्गत ईआरपी पोर्टल लागू किया गया। विभिन्न विषयों में नई सीटें जोड़ी गईं और प्रवेश में 23 फीसदी वृद्धि हुई। हर विभाग में मेंटर शिक्षक नियुक्त किये गये तथा परिसर में सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक कदम उठाये गये कुलपति ने कहा कि इन प्रयासों से विश्वविद्यालय अपने निर्धारित लक्ष्यों को निरंतर प्राप्त करेगा।
इस अवसर राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजेश शर्मा, शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डा. विजय सिंह, अध्यक्ष डा. राहुल सिंह, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. राम नारायण, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार, डा. मनीष गुप्ता, प्रो. राकेश यादव, एनएसएस समन्वयक डॉ. राज बहादुर यादव, प्रो. संतोष कुमार, डा. सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. रशिकेस, डॉ. अनु त्यागी, डा. जाह्नवी श्रीवास्तव, डा. अमरेंद्र सिंह, डा. आशुतोष सिंह, कर्मचारी संघ के महामंत्री रमेश यादव, उप कुलसचिव अजीत सिंह, बबिता सिंह सहित तमाम शिक्षक, कर्मचारी आदि मौजूद थे।