गांव वालों के मुताबिक बालमुकुंद स्वभाव से शांत व्यक्ति थे जो मुंबई शहर में रहकर मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। पिछले कुछ दिनों से वे किसी बात को लेकर परेशान दिखाई दे रहे थे लेकिन उन्होंने किसी से अपनी तकलीफ साझा नहीं किया। थानाध्यक्ष बरसठी ने बताया कि आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है, ताकि मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
वहीं दूसरी ओर इस दुखद घटना से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। गांव के लोग गमगीन माहौल में परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं। हर किसी की आंखें नम हैं। एक ही सवाल है— आखिर बालमुकुंद ने ऐसा कदम क्यों उठाया? मृत युवक के एक लडका भददू 6 वर्ष, लड़की अंशिका 12 वर्ष, पारुल 8 वर्ष एवं पत्नी सुनीता देवी हैं। मृतक 15 दिन पहले मुम्बई से अपने गांव आया था।
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