देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। नगर के स्वामी विवेकानंद प्रेक्षागृह में महात्मा फुले फाउंडेशन के बैनर तले रविवार को अधिकार दिवस के रूप में अमर शहीद क्रांतिकारी नेता बाबू जगदेव प्रसाद की 152 वीं शहादत दिवस मनायी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि जन अधिकार पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव डा सुषमा मौर्य व सांसद छोटेलाल सिंह खरवार ने दीप प्रज्जवलित करके किया। बाद कार्यकर्ताओं ने बाबा साहब का सपना ही जगदेव तुम्हारा नारा है, 100 में 90 शोषित हैं शोषितों ने ललकारा हैं के नारे लगाए।
मुख्य अतिथि डा सुषमा मौर्य ने कहा कि बाबू जगदेव प्रसाद का संघर्ष सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं था, बल्कि उनका संघर्ष सत्ता परिवर्तन के साथ ही व्यवस्था परिवर्तन का था। बाबू जगदेव प्रसाद भारत के गरीबों, पिछड़ों के लिए पूंजीवाद व साम्यवाद दोनों को खतरनाक मानते थे। वे समता मूलक समाज की स्थापना के लिए समाजवादी विचारधारा को स्थापित करना चाहते थे। वे जमीदारों द्वारा लागू की गई पंचकठिया प्रथा के सख्त विरोधी थे और अपने अदम्य साहस और पुरुषार्थ से इसको बंद कराए। उन्होंने भारतीय समाज को दो भागों में विभाजित किया। कहा कि आज हम लोग अधिकार दिवस के रूप में शहीद कांतिकारी नेता बाबू जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस मना रहे है। हमें अपना अधिकार पाने के लिए बिना रुके, बिना झुके, बिना टूटे अनवरत संघर्ष करना होगा। यही एक मात्रा शोषितों के लिए रास्ता है। सांसद छोटेलाल सिंह खरवार ने कहा कि बाबू जगदेव समाज में व्याप्त आडंबर और पाखंड के खिलाफ पुरजोर विरोध किया था। इसलिए उन्होंने अर्जक संघ की स्थापना कर लोगों को अंधविश्वास व अंधश्रद्धा से बाहर निकालने का अभियान चलाए। हक हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए संघर्ष करने को प्रेरित किए। डा लोकपति सिंह पटेल ने कहा कि तथागत बुद्ध ने कहा था कि अपना दीपक स्वयं बनो। इसलिए हम सबका भला दूसरा कोई नहीं कर सकता है. हमें खुद अपने हक अधिकार के लिए आगे आना होगा। सपा जिलाध्यक्ष राम निहोर यादव ने कहा कि बाबू जगदेव के आंदोलन का परिणाम है कि आज शोषक समाज के लोग देश-प्रदेश की राजनीति में भागीदारी कर रहे है। तमिलनाडु के बाद बिहार राज्य में 60 फीसदी से ऊपर का आरक्षण लागू हो पाया है, लेकिन बहुत से भाजपा शासित राज्यों में पिछड़ों का आरक्षण अभी 14 प्रतिशत से ऊपर नहीं दिया जा सका है।
कार्यक्रम के आयोजक डा भागीरथी सिंह मौर्य ने भी संबोधन किया। इस मौके पर सुमंत सिंह मौर्य, विकाश शाक्य, सुनील सिंह गोड़, किशोरी सिंह, शिवपूजन सिंह, लालबहादुर पाल, त्रिपुरारी गोड़, शहनवाज खान, रमेश पासवान, रेनू कुशवाहा, शिवकुमार वर्मा, एड रामचंद्र सिंह, अवनीश सिंह कुशवाहा, पिंटूलाल कुशवाहा, राजकुमार कुशवाहा, संतोष पटेल, रामभरोसे सिंह, कृपाशंकर चौहान, विमलेश मौर्य, शिवानंद मौर्य, लल्लू भारती आदि मौजूद रहे।