कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर ।जिले के 33/11 केवी उपकेंद्र टांडा इलफातगंज में वर्षों से जमे बाबू जगदंबा प्रसाद यादव का स्थानांतरण 11 जुलाई 2025 को विद्युत वितरण खंड आलापुर कर दिया गया था। लेकिन हैरत की बात यह है कि स्थानांतरण आदेश के बावजूद आज तक उन्हें रिलीव नहीं किया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि उपकेंद्र को बाबू जगदंबा प्रसाद यादव ने भ्रष्टाचार का अड्डा बना डाला है। बिना “ऊपरी शुल्क” के कोई भी कार्य नहीं होता। आम लोग समस्याओं को लेकर दफ्तर जाते हैं तो उन्हें सुनवाई के बजाय टाल-मटोल और दौड़ाया जाता है। सवाल उठता है कि जब सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए स्थानांतरण की नीति पर अमल कर रही है तो आखिरकार आदेशों की खुलेआम धज्जियां क्यों उड़ाई जा रही हैं?
एक्शियन टांडा मोहित कुमार का बयान
मामले पर जब मीडिया ने एक्शियन टांडा मोहित कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने स्वीकार किया कि –_*
“सिर्फ जगदंबा प्रसाद ही नहीं, लगभग चार लोगों का स्थानांतरण किया गया है। लेकिन अगर मैं सबको रिलीव कर दूँगा तो यहां काम कौन करेगा? कर्मचारी ही नहीं हैं।”
अब बड़ा सवाल यह है कि —
> क्या कर्मचारियों की कमी के नाम पर भ्रष्टाचार को खुली छूट दी जाएगी?
> क्या स्थानांतरण सिर्फ कागजों में खेल बनकर रह जाएगा?
> क्या सरकार के सख्त आदेशों की इसी तरह अनदेखी होती रहेगी?*
_अस्पष्ट हालात ने पूरे इलाके में चर्चा छेड़ दी है कि कहीं यह “कुर्सी से मोह” और “ऊपरी कमाई” का खेल तो नहीं, जिसमें अधिकारी भी मौन समर्थन दे रहे हैं।_
*जनता की निगाहें अब टिकी, अधीक्षण अभियंता अंबेडकर नगर के ऊपर, क्या कर पाएंगे कार्यवाही किसी चुनौती से काम नहीं*