देवल संवाददाता, आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद सदस्य व पूर्व विधायक मुबारकपुर शाह आलम गुड्डू जमाली ने बुधवार को मानसून सत्र के दौरान विधान परिषद में स्वास्थ्य जैसे गंभीर मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने प्रदेश में आबादी के अनुपात में कम से कम 10-15 पीजीआई, केजीएमसी और लोहिया जैसे विश्वस्तरीय अस्पताल खोलने की मांग की। साथ ही, आजमगढ़ और मुबारकपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं को और हाईटेक करने की वकालत की।
श्री जमाली ने सदन में कहा कि स्वास्थ्य मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकता है, लेकिन नीति आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में सबसे पीछे है। उन्होंने स्वास्थ्य बजट में केवल 68 प्रतिशत खर्च होने पर सरकार की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाया और शेष धनराशि का उपयोग न होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पीजीआई, केजीएमसी और लोहिया जैसे संस्थानों की विश्व स्तर पर प्रतिष्ठा है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण ये संस्थान आबादी के अनुपात में अपेक्षित सेवाएं नहीं दे पा रहे। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों के अनुसार डॉक्टरों और बेड की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने उत्तर प्रदेश की विशाल आबादी की तुलना अमेरिका जैसे बड़े देशों से करते हुए कहा कि प्रदेश को उसी अनुपात में स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करनी होंगी। श्री जमाली ने अतरौलिया की एक घटना का जिक्र करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने एक अस्पताल के चीफ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
आजमगढ़ जिला अस्पताल की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने बताया कि वहां एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें या तो उपलब्ध नहीं हैं या खराब पड़ी रहती हैं। रेडियोलॉजिस्ट और डायलिसिस सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे कई बार उनकी मृत्यु हो जाती है। मुबारकपुर के स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख की आबादी वाले इस नगर में रात के समय इमरजेंसी सेवाएं न के बराबर हैं। न्यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, आॅथोर्पेडिशियन, सीटी स्कैन, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने मुबारकपुर में ब्लड बैंक स्थापित करने और स्वास्थ्य केंद्र को सभी सुविधाओं से लैस करने की मांग की। श्री जमाली ने स्वास्थ्य मंत्री से अपील की कि स्वास्थ्य बजट को पूर्ण रूप से खर्च किया जाए और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बजट की मांग की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के डॉक्टरों की क्षमता पर कोई सवाल नहीं है, बस उन्हें पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने की जरूरत है। उन्होंने सरकार से शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का आग्रह करते हुए कहा कि ये मुद्दे प्रदेश के विकास के लिए अहम हैं।