कृष्ण, देवल ब्यूरो, अंबेडकर नगर । जनपद में अवैध तरीके से संचालित अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटर्स का जाल दिन पर दिन फैलता ही जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य महकमा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) की नाक के नीचे यह सब धड़ल्ले से चल रहा है, लेकिन रोक लगाने के नाम पर केवल बयानबाजी ही होती है।जानकारी के अनुसार, जिले में दर्जनों बिना पंजीकरण के अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर्स लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। न प्रशिक्षित डॉक्टर, न प्रशिक्षित स्टाफ, न जरूरी उपकरण—फिर भी इलाज के नाम पर गरीब मरीजों की जेब खाली की जा रही है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब मीडिया में खबरें छपती हैं तो खानापूरी के लिए दो-चार अस्पतालों पर ताला जरूर लग जाता है, लेकिन कुछ दिनों बाद वही अस्पताल या तो नए नाम से चलने लगते हैं या फिर रिश्वतखोरी के खेल में सब सेट हो जाता है।जनता सवाल पूछ रही है कि आखिर कब तक लोगों की जान के साथ ऐसा खिलवाड़ होता रहेगा? कब तक जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ बयानों की घुट्टी पिलाते रहेंगे? क्या CMO कार्यालय सिर्फ प्रेस नोट जारी करने तक ही सीमित रहेगा?फिलहाल जिले के ईमानदार अफसरों और जागरूक मीडिया की जिम्मेदारी बनती है कि इस धंधे का खुलासा कर जनता को मौत के मुंह में जाने से बचाएं। जनता की एक ही मांग है—जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर अस्पताल खोल रखे हैं, उन पर कठोर कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई मरीज ठगा न जाए और अपनी जान से हाथ न धो बैठे।
जनपद अंबेडकर नगर में अवैध अस्पतालों का धंधा चरम पर, CMO की कार्यवाही बयानों तक सीमित
जुलाई 04, 2025
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