देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष पुष्पा सिंह के आवास पर बुधवार को रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि मनायी गई। इस दौरान महिलाओं ने उनके चित्र पर मार्त्यापण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। मोर्चा की जिलाध्यक्ष पुष्पा सिंह ने कहा कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाने के लिए पहला स्वतंत्रता आंदोलन एक महिला ने लड़ा था। इस लड़ाई को अंग्रेज सिपाहियों के खिलाफ विद्रोह भी कहते हैं। इस आंदोलन की नेतृत्वकर्ता झांसी की रानी लक्ष्मीबाई थीं, जिन्होंने महज 16 साल की उम्र में अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। उनकी वीर गाथा इतिहास के पन्नों में दर्ज है, जो कहानी या किस्से के रूप में हर बच्चे को सुनाई जाती है, ताकि वह साहसी और वीर बनें। महिला सशक्तिकरण का तो यह अतुलनीय उदाहरण है। 18 जून को रानी
लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में मनायी जाती है। कहा कि अपने जीवन की आखिरी लड़ाई में रानी लक्ष्मीबाई ने वीरता की ऐसी अनोखी कहानी लिख गई, जो सदियों तक याद की जाएगी। 19 नवंबर 1828 को रानी लक्ष्मीबाई का जन्म बनारस के एक मराठी परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम मणिकर्णिका था और प्यार से लोग उन्हें मनु बुलाते हैं। 1842 में उनका विवाह झांसी के महाराजा गंगाधर राव नेवलेकर से हुआ। शादी के बाद उनका नाम लक्ष्मीबाई पड़ा। इस मौके पर कविता यादव, प्रिया सोनकर, कंचन, श्रेया पांडेय, ऋतु अग्रहरी, प्रतिभा मोहन खुशी रानी शर्मा संगीता अमता आदि मौजूद रहीं।