भारत में कोविड-19 के JN.1 वेरिएंट से जुड़े मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखी जा रही है. भारत में विशेषकर मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, केरल और तमिलनाडु में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, यह लंबे अंतराल के बाद दोबारा लौटकर आने वाली बीमारी है. इस केस में जैसे-जैसे नए वेरिएंट सामने आते हैं वैसे-वैसे संक्रमण दोबारा सामने आने लगता है. मुंबई में हाल ही में कोविड 19 की वजह से दो मौतें हुई थीं. इस बारे में राष्ट्रीय IMA कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष रह चुके डॉ. राजीव जय देवन ने कोविड 19 के मौजूदा स्थिति के बारे में कहा कि कोरोना वायरस या SARS kov2 वायरस वास्तव में कभी खत्म नहीं हुआ था.
डॉ. राजीव जय देवन ने आगे कहा कि बीच-बीच में बदलाव के साथ लंबे अंतराल के साथ कोविड बीमारी वापस आती रहेगी, जिसका मतलब है कि यह कई महीनों तक बिना तेज गति से फैल सकती है. इस वजह से मामलों की संख्या में वृद्धि देख सकते हैं. यह ज्यादातर एशियाई देशों में देखने को मिल रहा है. इस दौरान पिछले कुछ हफ्तों में हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड और भारत में भी मामलों में वृद्धि हुई है, लेकिन भारत के दृष्टिकोण से बड़ी संख्या में लोग हर दिन बुखार के साथ डॉक्टरों के पास जाते हैं. इस वजह से कोरोना जैसे मामले देखने को मिल सकते हैं.
कोविड बूस्टर के बारे में एक्सपर्ट्स की राय
कोरोना वायरस पर मैक्स हेल्थकेयर के एक्सपर्ट डॉक्टर डॉ. संदीप बुद्धिराजा कहते हैं कि भारत में अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन JN.1 वैरिएंट एक संकेत है कि कोविड-19 पूरी तरह खत्म नहीं हुआ. बुद्धिराजा आगे कहते हैं कि नए वेरिएंट्स को ट्रैक करने के लिए जीनोमिक सर्विलांस जरूरी है. ये वैक्सीन और उपचार करने के तरीके को अपडेट करने में मदद पहुंचाएगी. वहीं डॉ. साइमन ग्रांट का कहना है कि मौजूदा कोविड के नए वैरिएंट को देखते हुए कुछ मामलों में बूस्टर डोज लेना जरूरी हो सकता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वैक्सीन का प्रभाव समय के साथ कम हो सकता है. बूस्टर खुराक से सुरक्षा बहाल होती है. बुजुर्ग को ही बूस्टर डोज लेने की सलाह दी गई है. इसके अलावा कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, स्वास्थ्यकर्मी और पहले से बीमार लोग बूस्टर ले सकते हैं. JN.1 के लिए खास टीके अभी उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन सामान्य कोविड बूस्टर भी काफी सुरक्षा देते हैं.
JN.1 वेरिएंट क्या है और क्यों हो रही है चर्चा?
JN.1 वेरिएंट, ओमिक्रॉन के BA.2.86 सब-वेरिएंट का वंशज है और यह अगस्त 2023 में अमेरिका में पहली बार पाया गया था. इसकी खासियत ये है कि इसके लगभग 30 म्यूटेशन है. ये तेजी से फैलने की क्षमता रखता है. इसमें हल्के लेकिन संक्रमित करने वाले लक्षण दिखाई देते हैं. संक्रमण के साथ मृत्यु दर कम है.
JN.1 के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
UK और WHO की रिपोर्ट्स के अनुसार, JN.1 से संक्रमित लोगों में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं:
गले में खराश
छींक आना
बहती नाक
खांसी
नींद में कमी
सिरदर्द और एंग्जाइटी
मांसपेशियों में दर्द
थकान और कमजोरी
ये लक्षण इन्फ्लूएंजा जैसे भी हो सकते हैं, इसलिए टेस्ट कराना जरूरी है. विशेषज्ञों का कहना है कि JN.1 की नैदानिक प्रोफ़ाइल अभी भी ओमिक्रॉन जैसी ही है.