देवल संवाददाता,आजमगढ़। जनपदीय पुलिस के "ऑपरेशन कनविक्शन" अभियान के तहत गुणवत्तापूर्ण विवेचना, मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन की प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप मेहनाजपुर थाना क्षेत्र में 2012 के एक हत्या के मामले में अभियुक्त मनोज पुत्र परशुराम को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 50,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
घटना 15 जून 2012 की है, जब वादी दिनेश कुमार पुत्र श्यामलाल, निवासी बिनैली, थाना मेहनाजपुर, ने तहरीर दी थी कि उनके चचेरे भाई पर मुन्नाराम, सोनूराम, लालचंद राम, महेंद्र सिंह, हरिश्चंद, जाकिर, विजय, अश्वनी उर्फ गुड्डू, पंकज और मनोज, सभी निवासी रोवापार, थाना मेहनाजपुर, ने लाठी-डंडे और धारदार हथियारों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इलाज के दौरान वादी के चचेरे भाई की मृत्यु हो गई। इसके आधार पर थाना मेहनाजपुर में मुकदमा संख्या 145/2012, धारा 147, 148, 149, 307, 302, 506 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच के बाद अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। मुकदमे में चार गवाहों की गवाही हुई। शुक्रवार 23 मई को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोर्ट नंबर 06 ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त मनोज को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास के साथ 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। शेष नौ अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। पुलिस अधीक्षक ने "ऑपरेशन कनविक्शन" की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि यह अभियान अपराधियों को सजा दिलाने और न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।