देवल, ब्यूरो चीफ, सोनभद्र। नगर के लायंस क्लब भवन में हार्टफुलनेस ध्यान का तीन दिवसीय कार्यक्रम शनिवार की देर शाम संपन्न हुआ। एडवांस योगा ट्रेनर्स अनीता गुप्ता सहित 20 महिलाओं ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया।हार्टफुलनेस प्रशिक्षक गोपाल ने कहा कि हमारा दिल ही है जो हमारा सही मार्गदर्शन कर सकता है। हार्टफुलनेस का मतलब दिल की आवाज का अनुसरण करना है। हम अपने दिमाग की सुनते हैं, मगर दिल की आवाज नहीं सुनते हैं। हमारा दिल उस वक्त आवाज देता है जब हमसे कुछ गलत होने वाला होता है। हार्टफुलनेस ध्यान का अभ्यास करते रहने से हम अपने दिल की सुनना सीख जाते हैं तब हम संतुलित, आनंदमय एवं उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने लगते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन सभी कार्यों के समाप्ति के पश्चात शाम को हार्टफुलनेस सफाई ध्यान करने से हर समय तारोताजा रहते हैं। रात्रि में सोने से ठीक पूर्व हार्टफुलनेस प्रार्थना के माध्यम से हम अपने आंतरिक स्वर से जुड़ जाते हैं। हार्टफुलनेस ध्यान की पद्धति करीब 80 वर्ष पुरानी है, जिसे फतेहगढ़ उत्तर प्रदेश के रामचंद्र जी महाराज द्वारा पुनः खोज कर इस संसार को प्रदान की गई, जिन्होंने प्राणाहुति के माध्यम से ध्यान को सहज बना दिया । इसलिए हार्टफुलनेस को सहज मार्ग भी कहा जाता है। अंत में प्रतिभागियों ने हार्टफुलनेस ट्रेनर को एक पौधा भेंट किया।