ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू हो गई और तिथि का समापन 27 मई की सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर है। वट सावित्री व्रत पर भरणी नक्षत्र, शोभन योग और अतिगण्ड योग का शुभ संयोग बना। इसके साथ ही, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 से दोपहर 12:42 तक रहेगा। यह समय व्रत और पूजा के लिए अत्यंत फलदायक माना जाता है। सबसे खास बात यह है कि इस बार वट सावित्री व्रत सोमवार को पड़ रहा है, जिससे यह सोमवती अमावस्या भी बन रही है। यह संयोग अत्यंत दुर्लभ और सौभाग्यशाली माना जाता है। साथ ही, चंद्रमा इस दिन अपनी उच्च राशि वृषभ में संचार करेगा, जो शुभ संकेत है।
पति की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत
मई 26, 2025
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ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू हो गई और तिथि का समापन 27 मई की सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर है। वट सावित्री व्रत पर भरणी नक्षत्र, शोभन योग और अतिगण्ड योग का शुभ संयोग बना। इसके साथ ही, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 से दोपहर 12:42 तक रहेगा। यह समय व्रत और पूजा के लिए अत्यंत फलदायक माना जाता है। सबसे खास बात यह है कि इस बार वट सावित्री व्रत सोमवार को पड़ रहा है, जिससे यह सोमवती अमावस्या भी बन रही है। यह संयोग अत्यंत दुर्लभ और सौभाग्यशाली माना जाता है। साथ ही, चंद्रमा इस दिन अपनी उच्च राशि वृषभ में संचार करेगा, जो शुभ संकेत है।
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