देवल, ब्यूरो चीफ,सोनभद्र। सांई हास्पिटल एंड कालेज आफ नर्सिंग सजौर में मंगलवार को विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान अपर न्यायाधीश शैलेंद्र यादव के साथ ही अधिवक्ता बिंदु यादव, पुष्पा तिग्गा, शमशेर बहादुर सिंह को सालभेट कर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर न्यायाधीश शैलेंद्र यादव ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं को हमेशा दबाया गया है, लेकिन महिला सशक्तिकरण का मुख्य उद्देश्य उन्हें पुरुषों के साथ समान रूप से खड़ा करना है। जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो न केवल उनका व्यक्तिगत जीवन बदलता है, बल्कि पूरे परिवार और समाज में भी परिवर्तन आता है। संस्थान के डायरेक्टर डा अनुपमा सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का मतलब महिलाओं की शक्ति से होता है। आज के समय में हर देश यहीं चाहता है कि उसके देश की महिलाएं खुद अपनी रक्षा करें। हमारे समाज की महिलाएं किसी भी पुरुष से कम नहीं है। आज की महिलाएं वह सब काम कर रही हैं जो पुरुष करते है। हमारे देश में नारी का महत्व प्राचीन काल से है। प्राचीन काल में हमारे समाज में नारी का बहुत महत्व था, लेकिन आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो नारी को एक बोझ समझते है। अगर हम नारी को एक बोझ न समझते तो हमारे समाज की नारियां ऐसा काम कर सकती है, जिसकी हम कल्पना नहीं कर सकते है। हमारे समाज में महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे पहले लोगों की सोच को बदलना होगा और लोगों को यह बताता होगा कि आज की नारियां हर एक क्षेत्र में कार्य कर रही है। इस कार्यक्रम शिविर में महिला सशक्तिकरण टीम से एड बिंदु यादव, पुष्पा तिग्गा, शमशेर बहादुर सिंह, दिव्यांशी बोस, वसुंधरा, मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।