देवल संवादाता,परमार्थ निकेतन शिविर में कल्चर महाकुंभ आयोजित किया गया। जिसे संबोधित करते हुए सायना नेहवाल ने कहा कि देश के लिए हम कुछ भी कर सकते हैं और हम सभी को देश के लिए मेहनत करना है। हमारे देश में बहुत टैलेंट है। बस हमें थोड़ी मेहनत और करनी है। हमारी मेहनत ही हमारा मेडिटेशन है। आप स्वयं अपने दोस्त बने। स्वयं का परीक्षण करें। हम सब मिलकर अपने कल्चर के बारे में पूरे विश्व को दिखा सकते हैं।
चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हम संगम के पावन तट पर नये संगम का दर्शन कर रहे हैं। यह प्रयाग की धरती से एक प्रयोग है। हमारा हर प्रयोग प्रयाग बने, प्रयाग, संगम की धरती है, ऋषियों की धरती है। हमारे देश में समता, समरसता व सद्भाव का संगम बना रहे, यही प्रयाग का प्रयोग है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम भारत को भारत की दृष्टि और भारत के एंगल से देखें। डॉ. साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि वर्तमान समय में सनातन संस्कृति की पूरे विश्व को आवश्यकता है, क्योंकि इसमें पूरे विश्व की सभी समस्याओं का समाधान समाहित है।
भारत की जो शिक्षा है, संस्कृति है उसमें सारी समस्याओं का समाधान समाहित है। केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि स्वामी का सान्निध्य जीवन में याद रखने लायक है। संगम में स्नान करने के बाद राष्ट्रवाद व राष्ट्र भक्ति के संगम में स्नान करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। इस अवसर पर उन्होंने आयुष व योग पर चर्चा करते हुए कहा कि आज योग पूरे विश्व में चमक रहा है। सनातन धर्म ने एक जाति व राष्ट्र का विचार नहीं किया बल्कि पूरे विश्व को गले लगाया।
एडवोकेट साई दीपक ने कहा कि भारत के पास शक्ति है कि इस ग्लोब पर जो बर्बाद हो रहा है (प्राकृतिक संसाधन) उस पर बात करें क्योंकि उसका समाधान हमारी सनातन संस्कृति में समाहित है। उन्होंने संस्कृति, राष्ट्र व राज्य की व्याख्या करते हुए कहा कि संस्कृति के बिना राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती। शांतनु गुप्ता ने कहा कि अब जो भी कुंभ होगा और जहां पर भी होगा, उसमें हम पूज्य स्वामी के आशीर्वाद से कल्चर कुंभ का जरूर आयोजन करेंगे।
शेफाली वैद्य ने कहा कि कुंभ में पहले भी शास्त्रार्थ होता था, यह उसी का एक स्वरूप है। आप यहां से उत्तम विचारों को लेकर जाएं। इस मौके पर प्रमुख सचिव अमृत अभिजात, देवी प्रसाद दुबे, अलका टंडन, कृष्ण गुप्ता , शेफाली वैद्य, पुष्कर, नित्यानंद मिश्र, मारिया वेर्थ, कंचन गुप्ता, अशोक श्रीवास्तव, प्रखर श्रीवास्तव, दीपक, शांतनु गुप्ता, प्रो. अभय के सिंह, आदिनारायणन, साध्वी दिव्या प्रभा आदि वक्ता और विभूतियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।