देवल संवादाता,चुनार,मिर्जापुर। स्थानीय क्षेत्र में मानक विहीन अवैध नर्सिंग होम व मेडिकल की भरमार है। इन निजी अस्पतालों में इलाज में लापरवाही के चलते आये दिन लोगों की मौत होना आम बात हो गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि इन अस्पतालों में झोलाछापों के सहारे मरीजों की जान से खिलवाड़ कर मोटी रकम वसूलने का काम बदस्तूर जारी है। इतने बड़े पैमाने में इस अवैध कारोबार को रोकने वाले जिम्मेदारों की भूमिका पर सवाल उठना तो लाजमी है, तभी तो यह अवैध कारोबार चुनार में नासूर बन गया है। आप को बताते चले कि चुनार तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में सैकड़ों मेडिकल स्टोर्स है। कहने को तो मेडिकल स्टोर्स के संचालन के लिए डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट के आधार पर लाइसेंस जारी किए जाते है, लेकिन हकीकत इससे परे है। सूत्रों के मुताबिक नगर व ग्रामीण के कुछ मेडिकल व्यवसायी नियमों को ताक पर रखते हुए मेडिकल का संचालन कर रहे है। बिना फार्मासिस्ट व जरूरी दस्तावेज के मेडिकल दुकान का व्यवसाय किया जा रहा है। कई मेडिकलों में अपात्र व्यक्तियों को लाइसेंस दे दी गई है, जिनको दवाइयों की जानकारी तक नहीं है। इन मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ न तो ड्रग इंस्पेक्टर कोई कार्रवाई करते है और ना ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी। गैर डिप्लोमा, डिग्रीधारी द्वारा मेडिकलों का संचालन करने से मरीजों की जान को खतरा रहता है। नारकोटिक दवाइयां पर बैन होते हुए भी क्षेत्र के मेडिकल स्टोर संचालक नारकोटिक दवाइयां की बिक्री करते हुए नजर आते हैं। ये अपने समीप में नारकोटिक दवाइयां रख देते है। ग्राहक आने पर मंगवाकर महंगे दामों में बेचते हैं। चुनार मार्केट तहसील से लेकर मेडियां, जमुई बाजार, सरैया सिकंदरपुर के विमल लान के सामने व कैलहट बाजार स्थित, इत्यादि जगहों पर तमाम ऐसे अवैध व्यक्तिगत मेडिकल व अस्पताल संचालित है। जो वगैर परमिशन व डिग्री के चलायें जा रहें है। ये सब प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है।